राज्यों की खबरें

Jammu-Kashmir में टारगेट किलिंग जारी, महज 24 घंटे में ही आतंकियों ने 2 गैर कश्मीरियों को निशाना बनाया,बिहार के मजदूर की मौत

आंतकवादी कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में रोजाना खून की नदियां बहा रहे है। क्या हिंदू, क्या मुसलमान और क्या गैर कश्मीरी इस बार आतंकवादियों की गोलियों के निशाने पर हर कोई है।

Share

Jammu-Kashmir-target-killings-continue-terrorists-killed-non-kashmiris-within-24-hours

नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir)में हालात दिनोंदिन बद से बद्दतर होते जा रहे है। भले ही केंद्र कितने दावे करती रही हो लेकिन ताजा हालात हकीकत बयां कर रहे है।

आंतकवादी कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में रोजाना खून की नदियां बहा रहे है। क्या हिंदू, क्या मुसलमान और क्या गैर कश्मीरी इस बार आतंकवादियों की गोलियों के निशाने पर हर कोई है।

आंतकवादियों के हौंसले इतने बुलंद है कि महज 24 घंटे के अंदर ही दो अन्य टारगेट किलिंग(Jammu-Kashmir-target-killings-continue) को अंजाम दिया गया है।

कल,बुधवार ही खबर आई थी कि कुलगाम में बैंक मैनेजर विजय की सरकारी बैंक में घुसकर आतंवादियों ने हत्या कर(Bank Manager Killed in Jammu-Kashmir)दी,

और अब जम्मू-कश्मीर के बडगाम में आतंकियों ने दो गैर कश्मीरी मजदूरों को निशाना बनाया (terrorists-killed-non-kashmiris-within-24-hours)है,जिसमें एक मजदूर दिलखुश की मौत हो गई है और दूसरे की हालात गंभीर है। वह जख्मी है। 

आतंकवादियों(Terrorists)की गोलियों से मरने वाला मजदूर दिलखुश बिहार का रहने वाला था। ठीक इसी तरह कल आंतकियों की गोलियों से मरा बैंक मैनेजर विजय राजस्थान का रहने वाला(Jammu-Kashmir-target-killings-continue-terrorists killed-non-kashmiris-within-24-hours)था।

विजय को बैंक में घुसकर गोली मारी गई थी। उससे पहले स्कूली टीचर रजनीबाला को भी स्कूल के बाहर ही गोलियों से भून दिया गया था

इतना ही नहीं,कश्मीरी पंडित राहुल भट को भी सरकारी दफ्तर में घुसकर गोली मार दी गई थी। उसके फौरन बाद रियाज अहमद को उनके घर में घुसकर गोली मार दी थी।

इसके बादटिकटॉक स्टार अमरीना भट को भी आतंकवादियों ने मार दिया था।

इतना ही नहीं, आतंकवादियों ने बीते एक वर्ष में 44 से ज्यादा मुसलमानों को भी अपनी गोलियों का निशाना बनाया (Jammu-Kashmir-target-killings-continue-terrorists-killed-non-kashmiris-within-24-hours)है।

इससे पहले भी आतंकवादियों ने दो गैर कश्मीरी मजदूरों को अपनी गोलियों से निशाना बनाया(Terrorists killed Labourers in Jammu-Kashmir)था।जिसमें दोनों की मौत हो गई थी और वह दोनों भी बिहार के ही रहने वाले थे।

इस तरह धारा 370 हटने(Article 370) के बाद से साफ दिख रहा है कि आतंकवादियों की करतूतों में कोई कमी नहीं आई है और उनके निशाने पर जम्मू-कश्मीर का हर धर्म का हर बाशिंदा है।

अभी तक सरकार कश्मीर में आतंकवादियों को काबू करने में असफल ही रही। 

कश्मीरी पंडित(Kashmir Pandits) टारगेट किलिंग से दहशरत के साएं में है और लगातार पलायन की कोशिश कर रहे है। वह सरकार से गुहार लगा रहे है कि उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेजा जाएं।

सूत्रों से पता चला है कि अनुसूचित जाति की टीचर रजनी बाल की हत्या के बाद 100 से ज्यादा कश्मीरी पंडित बुधवार की घटना के बाद पलायन भी कर गए है लेकिन प्रशासन ने कई कश्मीरी पंडितों को जबरन वहांं रोक दिया है और आश्वासन दिया है कि वह कोई न कोई रास्ता निकालेंगे।

कश्मीरी पंडित औऱ हिंदू पलायन को मजबूर

लेकिन आएं दिन बढ़ती टारगेट किलिंग से कश्मीरी पंडितों को अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है और वह बड़ी संख्या में पलायन की कोशिश कर रहे है।

कश्मीरी पंडितों के पलायन के कई वीडियोज,फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है।

जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग के मुद्दे पर आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह(Amit Shah)ने NSA चीफ अजित डोभाल के साथ मीटिंग की है और अब इस समय जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा(LG Manjo Sinha) के साथ बैठक जारी है।

शेखपुरा में कई कश्मीरी पंडितो को पलायन करने से रोका गया है लेकिन वह डर और दहशत के साएं में है।

कश्मीर में आतंकियों की टारगेट किलिंग पर सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक ही है फिर चाहे वह कश्मीरी पंडित हो,गैर कश्मीरी हो या फिर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग हो।

जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir) में अल्पसंख्यक दहशत के साएं में पलायन को मजबूर है।

कश्मीरी पंडित राहुल भट को जब मैजिस्ट्रेट के दफ्तर के अंदर घुसकर मारा गया तभी से कश्मीरी पंडित सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे है और लगातार अपनी जान की गुहार लगा रहे है।

 

 

 

 

 

Jammu-Kashmir-target-killings-continue-terrorists killed-non-kashmiris-within-24-hours

Reena Arya

रीना आर्य www.samaydhara.com की फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ है। रीना आर्य ने पत्रकारिता के महज 6-7 साल के भीतर ही अपने काम के दम पर न केवल बड़े-बड़े ब्रांड्स में अपनी पहचान बनाई बल्कि तमाम चुनौतियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए समयधारा.कॉम की नींंव रखी। हर मुद्दे पर अपनी ज्वलंत और बेबाक राय रखने वाली रीना आर्य एक पत्रकार, कंटेंट राइटर,एंकर और एडिटर की भूमिका निभा चुकी है।