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मध्य प्रदेश में जन-सहयोग से जल-संरक्षण और संवर्धन का महाभियान – शिवराज

भोपाल,1 मई :  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भू-जल स्तर निरंतर गिर रहा है।

इसे रोकने के लिए प्रदेश में जन-सहयोग से जल-संरक्षण और संवर्धन का महाभियान चलाया जाएगा। पुराने तालाबों और नदियों का गहरीकरण किया जाएगा।

साथ ही इस वर्ष 500 करोड़ रुपये से नए तालाबों का निर्माण किया जाएगा। सीहोर जिले के ईंटखेड़ी छाप में सोमवार को आायेजित जल-संसद को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि इस वर्ष 15 जुलाई से पौधरोपण अभियान भी शुरू होगा।

इस अभियान से संपूर्ण समाज को जुड़ा चाहिए। उन्होंने कोलांस नदी के गहरीकरण के लिए श्रमदान का शुभारंभ भी किया। उन्होंने स्वयं श्रमदान कर लोगों को श्रमदान के लिए प्रेरित भी किया। 

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, “मनुष्य द्वारा औद्योगिकीकरण और भौतिकता की चाह में प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन किया गया है।

इससे कई प्राकृतिक आपदाएं उत्पन्न हुई हैं। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से वर्षा कम और अनियमित होने लगी है। पर्यावरण बिगड़ रहा है, नदियां सूख रही हैं और सतही जल लगातार घट रहा है।

धरती पर सूखे का संकट पैदा हो रहा है। धरती की सतह का तापमान लगातार बढ़ रहा है, जो वर्ष 2050 तक दो डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। इससे ग्लेशियर पिघलेंगे, समुद्र का जल-स्तर बढ़ेगा और बाढ़ जैसी समस्याएं पैदा होंगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियां जीवन का आधार हैं। मानव सभ्यता नदियों के किनारे ही विकसित हुई हैं। पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों को बचाना हमारा लक्ष्य है। आगामी 15 जुलाई से 30 अगस्त तक महावृक्षारोपण अभियान शुरू होगा। वर्षा जल को रोकने के लिए चेक डेम, बोरी बंधान और तालाब निर्माण का कार्य किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि गांव का पानी गांव में ही रोकने के उपाय किए जाएंगे। इसमें स्वयंसेवी संस्थाएं एवं सभी लोग सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने जल-संरक्षण के लिए जन-अभियान परिषद द्वारा सभी 313 विकासखंडों में नदियों के गहरीकरण के लिए शुरू किए गए श्रमदान की प्रशंसा की।

जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ़ प्रदीप पांडे ने बताया कि आज से नदी गहरीकरण के जन-अभियान की शुरुआत हो रही है, जो आगामी दो माह तक प्रदेश के 313 विकासखंडों में चलेगा। गौ-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि भारतीय संस्कृति बहुत उदार है। इसमें सभी जीव-जंतुओं, जड़-चेतन को भी चैतन्य माना गया है। भारत एक जीवंत चेतना है। इसमें प्रकृति को पूरा सम्मान दिया गया है।

उन्होंने कहा कि बिना जल के जीवन संभव नहीं है, इसलिए जड़-जंतु, जल को सुरक्षित रखें। विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कोलांस नदी से भोपाल का बड़ा तालाब भरता है। उन्होंने नदी गहरीकरण के कार्य के लिए परिषद की सराहना की। मुख्यमंत्री ने परिषद द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। 

–आईएएनएस

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