UP-Hathras-Satsang-Stamped Death-Toll-122 Bhole-Baba-Statement
हाथरस/उत्तर प्रदेश : हाथरस सत्संग भगदड़ कांड में करीब 122 लोगों की मौत हो गयी, वही इस भगदड़ में करीब 150 से ज्यादा घायल लोग अस्पताल में भर्ती है l
सत्संग के पहली बार मामले को लेकर भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का बयान सामने आया है।
भोले बाबा ने बयान जारी करते हुए घटना को लेकर दुख व्यक्त किया है और दावा किया कि असामाजिक तत्वों द्वारा भगदड़ मचाई गई और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने अपने वकील के जरिए बयान जारी करते हुए कहा कि
हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और परमात्मा से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील डॉ एपी सिंह को भगदड़ मचाने वाले असमाजिक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया है।
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मैं 2 जुलाई को गांव फुलारी, सिकंदराराऊ, हाथरस आयोजित सत्संग से काफी समय पहले ही निकल चुका था।
हाथरस भगदड़ मामले में यूपी पुलिस ने सत्संग के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।
आरोप है कि इस कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के जुटने की अनुमति थी, लेकिन ढाई लाख लोगों को जुटाया गया।
हालांकि, FIR में भोले बाबा का नाम दर्ज नहीं है। FIR में आरोप लगाया गया है कि आयोजकों ने अनुमति मांगते समय,
सत्संग में आने वाले भक्तों की असल संख्या छिपाई, ट्रैफिक मैनेजमेंट में मदद नहीं की और भगदड़ के बाद सबूत छिपाए।
FIR के मुताबिक, भगदड़ तब मची जब दोपहर दो बजे भोले बाबा अपनी गाड़ी से वहां से निकल रहे थे।
जहां-जहां से गाड़ी गुजर रही थी, वहां-वहां से उनके अनुयायी धूल-मिट्टी उठाने लगे।
देखते ही देखते लाखों की बेकाबू भीड़ नीचे बैठे या झुके भक्तों को कुचलने लगी और चीख-पुकार मच गई।FIR में कहा गया है कि
दूसरी तरफ लगभग तीन फीट गहरे खेतों में भरे पानी और कीचड़ में भागती भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों ने लाठी-डंडों से रोक दिया,
जिसके कारण भीड़ बढ़ती गई और महिलाएं-बच्चे कुचलते गए।
इससे पहले,
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में आज एक दर्दनाक हादसा हो गयाl
सत्संग के दौरान मची भगदड़ से करीब 122 लोगों की मौत वही150 से ज्यादा लोग घायल हो गए l
स्वयंभू बाबा के पैर छूने के कारण मची भगदड़, 18 साल की पुलिस सरकारी नौकरी छोड़ भोले बाबा बने
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यह घटना हाथरस के रतिभानपुर में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के दौरान हुई l
भीड़ में खड़े लोगों ने दावा किया कि यहां पर डॉक्टर न होने की वजह से भी कई लोगों की जान चली गई है।
सत्संग के दौरान हुए हादसे के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही से हादसा हुआ है।
अभी हालात ये हैं कि मौके पर बॉडी उठाने वाला कोई नहीं है। मृतकों की संख्या 200 के पार भी जा सकती है।
उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन ने एक रोड पर पुलिस की बैरिकेडिंग लगी थी। पुलिस ने उसे खुलवा दिया, जो रात को बंद कर दिया गया था।
जह वहां गाड़ियां आने लगीं तो लोग बचने के लिए इधर-उधर भागे। इससे भगदड़ मची और लोगों की मौत हुई
डीएम हाथरस आशीष पटेल ने बताया कि सत्संग के अंत में ज्यादा उमस के कारण ये घटना हुई है।
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अभी सभी घायलों को निकाल कर अस्पताल भेजा जा रहा है। स्थानीय सीएचसी से डॉक्टरों ने बताया है कि करीब 50 से 60 लोगों की मौत हुई है।
इसकी सत्संग की अनुमति एसडीएम के जरिए दी गई थी। ये एक प्राइवेट आयोजन था।
इसमें सुरक्षा के लिए व्यवस्था की गई थी। अंदर की व्यवस्था आयोजकों को करनी थी।
एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि मैंने एसडीएम से कहा कि तीन घंटे से लाइट नहीं है लेकिन कोई नहीं सुना। यहां न डॉक्टर हैं और न ऐंबुलेंस में कोई शव को उतारने वाला है।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि हादसे में कम से कम 100-150 लोगों की जान गई है। मौके पर सिर्फ एक डॉक्टर थे।
हाथरस की दुर्घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। साथ ही मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही दो मंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी को मौके पर भेजा गया है।
एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर हादसे के कारणों की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है।