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आज से पूरी दिल्ली के लिए एक ही नगर-निगम,राष्ट्रपति ने कानून को दी मंजूरी

जानकारों की मानें तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद विधेयक के कानून का रूप अख्तियार करने के बाद दिल्ली की तीनों नगर निगमों के एकीकरण के लिए डीलिमिटेशन की प्रक्रिया की जाएगी। डीलिमिटेशन की प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत दिल्ली नगर निगम के चुनाव(MCD Elections) होंगे।

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नई दिल्ली:अब से पूरी दिल्ली(Delhi)के लिए एक ही नगर-निगम हो गया(Whole-Delhi-have-one-MCD-now)है।

दिल्ली के तीनों नगर-निगमों को भंग करके केंद्र सरकार ने अब दिल्ली में एक ही नगर-निगम स्थापित कर दिया है।

इससे संबंधित कानून को आज,राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(RamNath Kovind)की भी मंजूरी मिल गई है,जिसके बाद दिल्ली नगर निगम एकीकरण (संशोधन) विधेयक 2022 अब कानून बन गया(President’s-nod-to-Delhi-Municipal-Corporation Amendment-Act-2022)है।

इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा में भी यह विधेयक पास हो गया था। अब राष्ट्रपति की सहमति की मुहर लगने के बाद दिल्ली नगर निगम एकीकरण विधेयक कानून बन चुका(Whole-Delhi-have-one-MCD-now-President’s-nod-to-Delhi-Municipal-Corporation Amendment-Act-2022)है।

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद,आज से ही अब दिल्ली में एक ही नगर-निगम होगा,जोकि केंद्र सरकार के अधीन होगा।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक,राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने लोकसभा और राज्यसभा से पारित विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है। इसके साथ दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर भी रास्ता साफ हो गया है। 

वहीं, जानकारों की मानें तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद विधेयक के कानून का रूप अख्तियार करने के बाद दिल्ली की तीनों नगर निगमों के एकीकरण के लिए डीलिमिटेशन की प्रक्रिया की जाएगी।

डीलिमिटेशन की प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत दिल्ली नगर निगम के चुनाव(MCD Elections) होंगे। 

दरअसल, बजट सत्र में पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा से पारित हुआ दिल्ली नगर निगम निगम संशोधन विधेयक 2022 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की मंजूरी मिल गई(Whole-Delhi-have-one-MCD-now-President’s-nod-to-Delhi-Municipal-Corporation Amendment-Act-2022)है।

इसके बाद अब राजधानी में दिल्ली नगर निगम अस्तित्व में आ गया है।

अब उत्तरी,पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम न होकर दिल्ली नगर निगम(Delhi-Municipal-Corporation)होगा।

जिससे चुनाव के बाद तीन की बजाय एक महापौर और तीन निगमायुक्त की बजाय एक निगमायुक्त ही होगा।

दस साल 18 दिन बाद अब निगम अपने पुराने स्वरूप में होगा। वर्ष 2011 में दिल्ली विधानसभा ने दिल्ली नगर निगम को तीन निगम में विभाजित किया था। जिसमें पूर्वी और उत्तरी के साथ दक्षिणी निगम बनाया गया था।

खराब आर्थिक हालातों से जूझ रहे केंद्र सरकार ने इसकी दशा को सुधारने के लिए तीनों निगमों को एक करने का फैसला लिया था।

निगम के एक होने पर कन्फेडेरशन आफ एमसीडी एम्पलाइज यूनियंस के संयोजक एपी खान ने खुशी जाहिर की है। एपी खान ने कहा कि इससे तीनों नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की समस्या का समाधान होगा।

हम लगातार केंद्र सरकार से इस संबंध में कदम उठाने की मांग कर रहे थे। तीन साल से कई ज्ञापन हमने इस संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Narendra Modi)को भेजे थे।

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(इनपुट एजेंसी से भी)
Radha Kashyap