अंडरवियर-लिपस्टिक से पता चलती है इकोनॉमिक्स..!

लिपस्टिक (Lipstick) और अंडरवियर (Underwear) की बिक्री भी इकोनॉमी की हालत के बारे में बताती है?

अंडरवियर-लिपस्टिक की बिक्री से पता चलती है इकोनॉमिक्स की हालात, economics news updates in hindi

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नयी दिल्ली (समयधारा) : इस समय देश में महंगाई अपने चरम पर है l लोग महंगाई से परेशान हैl

देश भर में इकोनॉमिक की सेहत पर अच्छा खासा असर पड़ा है जिसके चलते लोगों ने अपने खर्चों में कटौती करना शुरू कर दिया है l

पर क्या आप जानते है की कुछ आम पर बेहद ही जरुरी चीजों से देश की इकोनॉमिक कैसी चल रही है इसका पता चल जाता है l 

जैसे की लिपस्टिक (Lipstick) और अंडरवियर (Underwear) l यकीं नहीं होता है ना..! पर यह सच है l 

इकोनॉमी (Economy) की सेहत जानने के लिए अर्थशास्त्री कई तरह के आंकड़ों और ट्रेंड की मदद लेते हैं।

और इसी कड़ी में लिपस्टिक (Lipstick) और अंडरवियर (Underwear) की बिक्री भी इकोनॉमी की हालत के बारे में बताती है?

यह सच है। इसे लिपस्टिक इफेक्ट (Lipstick Effect) कहा जाता है। लिपस्टिक इफेक्ट वैश्विक इकोनॉमी में कई बार देखने को मिला है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब इकोनॉमी में मंदी आती है या किसी दूसरे तरह का दबाव होता है तो महिलाएं महंगी चीजों पर खर्च घटा देती हैं।

लेकिन, वे उन चीजों पर खर्च बढ़ाती हैं, जो उनके बजट पर खराब असर डाले बगैर उनके मूड को बेहतर करने में मदद कर सकती हैं।

लिपस्टिक ऐसी ही एक चीज है। इस कॉन्सेप्ट को लिपस्टिक इफेक्ट कहा जाता है।

अमेरिका में सेंसस ब्यूरो ने रिटेल सेल्स के आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, जुलाई में रिटेल सेल्स स्थिर रही है।

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इसका मतलब यह है कि इनफ्लेशन का असर अमेरिकी लोगों के बजट पर पड़ रहा है। जीडीपी में कंज्यूमर स्पेंडिंग की दो-तिहाई हिस्सेदारी है।

लिपस्टिक इफेक्ट पहली बार 2001 की मंदी के दौरान चर्चा में आया।

तब यह देखा गया था कि इकोनॉमी की खराब हालत के बावजूद लिपस्टिक की बिक्री बढ़ी थी।

1929 और 1993 की महामंदी के दौरान भी ऐसा देखने को मिला था।

इसे ‘लिपस्टिक इंडेक्स’ नाम दिया गया। इस थ्योरी के मुताबिक, इकोनॉमी की सेहत और कॉस्मेटिक्स की बिक्री के बीच विपरीत संबंध है। अभी लिपस्टिक इफेक्ट दिख रहा है।

NPD के एनालिस्ट Natalia Bambiza के मुताबिक, 2022 की पहली तिमाही में लिपस्टिक की बिक्री एक साल पहले की समान अवधि के दौरान 48 फीसदी बढ़ी है।

एक्सपर्ट्स अमेरिका सहित दुनिया के कई बड़े देशों में हाई इनफ्लेशन का असर लोगों के बजट पर पड़ने की बात कह चुके हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अंडरवियर की बिक्री का संबंध भी इकोनॉमी की सेहत से रहा है। अमेरिका में 2008 में रिसेशन आया था।

तब अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख एलेन ग्रीनस्पैन ने कहा था कि अंडरवियर की बिक्री से इकोनॉमी के हाल का अंदाजा लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा था कि मंदी के दौरान पुरुष नए अंडरवियर खरीदना बंद कर देते हैं।

इसकी वजह यह है कि अंडरवियर दिखता नहीं है। इसलिए लोग उन कपड़ों पर खर्च करते हैं, जो दिखता है।

इकोनॉमी में मंदी आने पर डेटिंग वेबसाइट्स की कमाई भी बढ़ जाती है।

इसकी वजह यह है कि नौकरियां खत्म होने की वजह से लोग घरों में रहने को मजबूर होते हैं।

ऐसे में वे समय बिताने के लिए डेटिंग वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं।

2009 में मार्केट में आई गिरावट के दौरान मैच डॉट कॉम का चौथी तिमाही का प्रॉफिट पिछले सात साल में सबसे ज्यादा था।

मॉर्गन स्टेनली के एनालिस्ट Lauren Schenk ने कहा कि रिसेशन के दौरान भी लोगों को प्यार और मोहब्बत की जरूरत पड़ती है।

आप समझ सकते हैं कि मुश्किल समय में इन चीजों की जरूरत ज्यादा बढ़ जाती है।

Dharmesh Jain: धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।