15 मजदुर निकाले गए, सभी मजदूरों को निकालने का काम जारी...(IMAGE CREDIT ANI)
Uttarkashi Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Live Updates in Hindi
उत्तराखण्ड (समयधारा) : बड़ी सफलता : Uttarkashi Tunnel Rescue सभी 41 मजदूर सुरक्षित निकले गए l
Uttarkashi Tunnel Rescue 15 मजदुर निकाले गए अन्य सभी मजदूरों को निकालने का काम जारी है l
Uttarkashi (Uttarakhand) Tunnel Rescue Operation Live Updates in Hindi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पिछले 17 दिनों से मजदूर फंसे हुए हैं।
उनको निकालने का काम जोरों-शोरों से शुरू हो चुका है l इससे पहले विशेषज्ञों की निगरानी में मजदूरों को यहां से निकालने के लिए ड्रिलिंग खत्म हो चुकी है।
सुरंग के बाहर अफसरों की हलचल तेज चल रही है 12 नवंबर दिवाली के दिन 41 मजदूर सिल्क्यारा सुरंग में फंस गए थे।
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सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली है, पाइप पुशिंग का कार्य मलबे के आर-पार हो चुका है।
Uttarkashi Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Live Updates in Hindi
अब श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
इससे पहले,
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल (Silkyara Tunnel) में फंसे मजदूरों (Trapped Workers) को निकालने का बचाव अभियान (Rescue Operation) अब अपने अंतिम चरण में है।
अधिकारियों ने बताया कि 16 दिनों से फंसे 41 मजदूरों तक पहुंचने के लिए जरूरी 60 मीटर तक की खुदाई का काम मंगलवार को लगभग पूरा कर लिया गया।
Uttarkashi Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Live Updates in Hindi
NDMA ने कहा कि 58 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है, लगभग 2 मीटर और खोदने की जरूरत है।
इससे पहले उत्तराखंड के सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने दोपहर डेढ़ बजे के बाद संवाददाताओं को बताया कि ‘ड्रिलिंग’ पूरी हो चुकी है।
ये जानकारी आने के करीब आधा घंटे बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जानकारी दी कि मजदूरों को बाहर निकालने के लिए मलबे में पाइप डाले जाने का काम पूरा हो गया है।
सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में धामी ने कहा, बाबा बौखनाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है।
शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
इससे पहले, सुरंग बना रही राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के मैनेजिंग डायरेक्टर महमूद अहमद ने इस बात की पुष्टि नहीं की थी कि ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है।
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उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि आखिरी पाइप को मलबे में डाला जा रहा है।
लेकिन दिल्ली में शाम चार बजे प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता ने कहा कि बचावकर्मी सफलता के करीब हैं ‘परंतु अभी सफलता नहीं मिली है।’
उन्होंने कहा कि खनन विशेषज्ञ की मदद से अंतिम खंड में हाथ से खुदाई की जा रही है और वे 58 मीटर की बिंदु तक पहुंच गए हैं
और अभी लगभग दो मीटर और खुदाई की जानी बाकी है। उन्होंने कहा, \हम कामयाबी के करीब हैं, अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं।\
इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि NDRF के जवान खुदाई कर मलबे में अंदर डाले गए स्टील पाइपों के अंदर जाएंगे और मजदूरों को एक-एक करके बाहर लाएंगे।
मजदूरों को निकासी के बाद तुरंत मेडिकल केयर देने के लिए सुरंग के अंदर आठ बिस्तरों वाला एक अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है।
अभी तक किए गए अभ्यास के अनुसार, हर श्रमिकों को कम उंचाई के पहिए वाले स्ट्रेचरों पर लिटाया जाएगा
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और उसे बचावकर्मियों द्वारा रस्सियों की मदद से बाहर खींचा जाएगा। इस पूरी कवायद में दो से तीन घंटे लगने की संभावना है ।
सुरंग में बचावकार्य पूरा होने की जानकारी आने से कई घंटे पहले से सुरंग के आसपास हलचल तेज हो गई थी ।
श्रमिकों के बाहर आते ही उन्हें अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सुरंग के बाहर तैयार खड़ी हैं।
श्रमिकों को नजदीकी चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा, जहां 41 बिस्तरों का एक अलग वार्ड बनाया गया है ।
एंबुलेंस को चिन्यालीसौड़ जल्द पहुंचाने के लिए पहले से बने कच्चे रास्ते को ठीक कर दिया गया है। स्ट्रेचरों को सुरंग के अंदर ले जाया गया है।
बचाव अभियान की सफलता की जानकारी आते ही सुरंग के बाहर खड़े श्रमिकों ने ‘जय श्रीराम’ के नाम का जयकारा लगाया।
इससे पहले, लारसन एंड टयूबरों (L&T) टीम का नेतृत्व कर रहे क्रिस कूपर ने मजदूरों का इंतजार जल्द खत्म होने की भविष्यवाणी की थी।
उन्होंने संवाददाताओं को बताया था कि मजदूर शाम पांच बजे तक बाहर आ सकते हैं ,
उन्होंने ये भी बताया कि मजदूरों तक पहुंचने के लिए विकल्प के तौर पर की जा रही वर्टिकल ड्रिलिंग को अब रोक दिया गया है ।
भारी और शक्तिशाली 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन से सुरंग में हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग के दौरान शुक्रवार को मशीन के कई हिस्से मलबे में फंसने के कारण काम में व्यवधान आ गया। इसके बाद सुरंग में हाथ से ड्रिल कर पाइप डालने की रणनीति अपनाई गई।
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ऑगर मशीन के रूकने से पहले तक मलबे में 47 मीटर अंदर तक ड्रिलिंग की जा चुकी थी,
जबकि करीब 10 मीटर की ड्रिलिंग बाकी थी। बचे काम को हाथ से पूरा करने के लिए 12 ‘रैट होल’ एक्सपर्ट को बुलाया गया था।
अपने 22 साल के बेटे मंजीत का सुरंग के बाहर इंतजार कर रहे चौधरी ने कहा कि
उन्हें अधिकारियों ने सिलक्यारा में रूके परिवारजनों से कहा है कि उन्हें मजदूरों के पास ले जाए जाने की व्यवस्था की जाएगी।
सुरंग में फंसे एक और मजदूर गब्बर सिंह नेगी के भाई जयमल सिंह नेगी ने कहा कि आज प्रकृति भी खुश लग रही है।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने परिजनों को अपना सामान तैयार रखने और अग्रिम आदेशों का इंतजार करने को कहा है ।
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