शायरी : मेरे जनाजे में सारा मुहल्ला निकला,

मगर वो नहीं निकली....जिसके लिए यह जनाजा निकला

mere janaje me sara muhalla nikla magar vo nahi nikli jiske liye yah janaja nikla

Maut Shayaris Janaja Sayari Trending Love Shayari 

मेरे जनाजे में
सारा मुहल्ला निकला,

मगर वो नहीं निकली
जिसके लिए यह जनाजा निकला

ना वो ज़ाहिर कर सके
ना हम बयां कर सके

बस
निगाहों-निगाहों में उलझा रह गया
इश्क़ हमारा

कुछ इस अदा से निभाना है
किरदार मेरा मुझको…!

जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे
वो नफरत भी ना कर सके….!!

मोहब्बत  उसी को आज़माती है
जो हर मोड़ पर चलना जानता है….!!
कुछ “पाकर” तो हर कोई मुस्कुराता है,
मोहब्बत शायद उनकी ही होती है,

जो बहुत कुछ “खोकर” भी मुस्कुराना जानता है..

था जिनकी वफा पर नाज़ हमे,

हमराज बदलते देखे हैं …

हालात बदलते ही सबके,

अंदाज बदलते देखे हैं …!!

शाॅपिंग में मशगूल बीवी का
सब्र से साथ देना भी

मुहब्बत है गालिब ,

ज़रूरी नहीं हर कोई
ताज महल बनवाता फिरे ..

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समयधारा डेस्क: