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अयोध्या पर सभी पुनर्विचार याचिका खारिज, राम मंदिर बनने का रास्ता साफ़

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि-अयोध्या विवाद हमेशा के लिए लगभग खत्म

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नई दिल्ली, (समयधारा) : काफी समय से विवादित अयोध्या विवाद जो देश के सबसे बड़े दंगे का गवाह बना l

जिसने हिन्दू-मुस्लिम समाज के बीच एक खटास पैदा की l वह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से लगभग खत्म कर दिया l 

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि वो राजनीतिक तौर पर संवेदनशील

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में अपने नौ नवंबर के फैसले पर दोबारा विचार नहीं करेगा।

कोर्ट ने गुरुवार को इस फैसले के खिलाफ दाखिल की गई सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया।

कोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ विवादित भूमि राम लला को सौंपते हुए यहां राम मंदिर के निर्माण के लिए रास्ता साफ कर दिया था।

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चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने चैंबर में इन याचिकाओं पर विचार कियाl 

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और इनमें कोई मेरिट नहीं पाने पर इन्हें खारिज कर दिया। संविधान बेंच के अन्य सदस्यों में

जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना खामिल थे।

संविधान बेंच ने सिर्फ उन पुनर्विचार याचिकाओं पर गौर किया गया जो इस विवाद से संबंधित चार मुकदमों में पक्षकारों की तरफ से आए थे।

कोर्ट में दायर 18 पुनर्विचार याचिकाओं में से नौ याचिकाए मूल पक्षकारों ने दायर की थीं, बाकी याचिकाएं तीसरी पार्टी ने दायर की थीं।

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बेंच ने इनकी याचिकाओं पर विचार करने से मना कर दिया, जिससे इनपर ओपन कोर्ट में सुनवाई का आग्रह भी खारिज हो गया।

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अब बात करते है की इस फैसले के खिलाफ किसने-किसने दी थी पुनर्विचार याचिका l 

शीर्ष अदालत के इस फैसले के खिलाफ सबसे पहले दो दिसंबर को पहली पुनर्विचार याचिका मूल वादी

एम सिदि्दक के कानूनी वारिस मौलाना सैयद अशहद रशिदी ने दायर की थी।

इसके बाद, छह दिसंबर को मौलाना मुफ्ती हसबुल्ला, मोहम्मद उमर, मौलाना महफूजुर रहमान, हाजी महबूब और मिसबाहुद्दीन ने दायर कीं।

इन सभी पुनर्विचार याचिकाओं को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का समर्थन प्राप्त था।

मौलाना सैयद अशहद रशिदी ने 14 बिंदुओं के आधार पर इस फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था

और कहा था कि बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण का निर्देश देकर ही इस मामले में पूर्ण न्याय हो सकता है।

उन्होंने नौ नवंबर के फैसले के उस अंश पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया था

जिसमें केंद्र को तीन महीने के भीतर मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया गया था।

इसके बाद नौ दिसंबर को दो पुनर्विचार याचिकायें और दायर की गयी थीं।

इनमें से एक याचिका अखिल भारत हिन्दू महासभा की थी जबकि दूसरी याचिका 40 से अधिक लोगों ने संयुक्त रूप से दायर की।

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संयुक्त याचिका दायर करने वालों में इतिहासकार इरफान हबीब, अर्थशास्त्री एवं राजनीतिक विश्लेषक प्रभात पटनायक,

मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर, नंदिनी सुंदर और जॉन दयाल शामिल हैं।

अखिल भारत हिन्दू महासभा ने न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करके मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन

उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटित करने के निर्देश पर सवाल उठाये थे।

महासभा ने फैसले से उस अंश को हटाने का अनुरोध किया था जिसमें विवादित ढांचे को मस्जिद घोषित किया गया था।

गौरतलब है कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम फैसला लिया था l  क्या हुआ था उस दिन…. 

मुस्लिमों को वैकल्पिक जगह देने का आदेश l  

प्रभु राम का जन्मस्थान ढाँचे के अंदर ही कही है l  रेलिंग लगाना कानून का उल्लंघन l 

18वीं सदी तक नमाज का कोई रिकॉर्ड नहीं l अंग्रेजो के ज़माने में भी नमाज का कोई सबुत नहीं l (11.04am)

मुस्लिम जमीन पर एकाधिकार साबित नहीं कर पाए l विवादित जमीन पर मुस्लिम का हक़ नहीं l (11.02am) 

ढांचा गिराना कानून का उल्लंघन l  हिन्दू सीता रसोई में पूजा करते थे l नमाज और पूजा साथ-साथ होती रही l (11.00am)  

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मुस्लिम के पास जमीन पर विशेष कब्जा नहीं l (10.55am)

अयोध्या राम की जन्मभूमि है इस पर कोई विवाद नहीं l  मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने का जिक्र नहीं l(10.50am)

आस्था व विश्वास पर मालिकाना हक़ का फैसला नहीं l क़ानूनी आधार पर फैसला होगा l (10.45am)

12वीं 16वीं सदी में क्या हुआ था उसका कोई प्रमाण नहीं l खाली जमीन पर बाबरी मस्जिद नहीं बनी थी l

पुरातत्व रिपोर्ट में मंदिर की बात कही गयी l 

शिया मामले में सर्वसम्मति से फैसला, शिया वक्फ बोर्ड-निर्मोही अखाड़े की सूट खारिजl

फैसले में 30 मिनट लूंगा, सर्वसम्मति से होगा फैसला l (10.32am) 

अयोध्या विवाद फैसला – फैसले का सम्मान, अमन के साथ बढ़ेगा हिन्दुस्तान l

4-1 या 3-2 से आयेगा फैसला, 5 जजों की बैंच सुनाएगी फैसला l  फैसले को किया जा सकता है चेलेंज l 

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अयोध्या पर आज बड़े फैसले का दिन l सुबह 10.30 बजे आएगा फैसला l

चीफ जस्टिस को Z+सुरक्षा, उत्तर प्रदेशजम्मू कश्मीर में धारा 144 लागू

दिल्ली – उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में स्कूल कॉलेज बंद l 9 से 11 नवंबर तक उत्तर प्रदेश में स्कूल कॉलेज बंद l

पंजाबहरियाणा में हाई अलर्ट l प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ भी फैसला आने पर शांति व सौहार्द्रपूर्ण बनाने की अपील कीl 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति बनाए रखने की अपील की l

सुरक्षा के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध l अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की l अलीगढ़ में मोबाइल सेवाएं बंद l 

40 दिन की सुनवाई के बाद अयोध्या पर यह अहम् फैसला आने वाला है l

अयोध्या मामला में 40 दिनों से चल रही सुनवाई पूरी, गोगोई ने गुस्से में कहा Enough is Enough

आज सुबह जब सुप्रीम कोर्ट 10.30am बजे अयोध्या पर फैसला सुनाएगा तब इतिहास में यह दिन अमर हो जाएगाl 

पूरे देश में हाई अलर्ट सा माहौल है l सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लगभग सभी धर्म के लोगों ने अपनी सहमती जताने का भरोसा दिया है l 

सभी लोग एक मत से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे l 

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6 दिसंबर, जिस तारीख ने बदला भारत का भविष्य

गौरतलब है की सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच ने 40 दिन तक अयोध्या मामले मे सुनवाई सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख दिया था l 

कल वह दिन है जिसे आजाद हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा सुप्रीम फैसला कहा जा रहा है l 

अयोध्या केस-SC : 18 अक्टूबर के बाद एक दिन का भी वक्त नहीं दिया जाएगा 

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से यह अपील की 

अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है। पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी,

पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था। इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं।

देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने,

सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं।

अयोध्या केस 28वां दिन : देशभर में माहौल बनाकर मस्जिद को गिराया गया

कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।

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अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा।

देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा  मेरी प्रदेशवासियों से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें।

प्रशासन सभी की सुरक्षा व प्रदेश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है।

कोई भी व्यक्ति यदि कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करेगा, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी ।

अयोध्या केस पर सुनवाई शुरू, निर्मोही अखाड़ा रख रहा है पक्ष (10.50am)

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उन्होंने ट्वीट कर कहा मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोध्या प्रकरण के सम्बन्ध में दिए जाने वाले

सम्भावित फैसले के दृष्टिगत प्रदेशवासियों से अपील है कि आने वाले फैसले को जीत-हार के साथ जोड़कर न देखा जाए।

यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण को हर हाल में बनाए रखें।

बसपा प्रमुख व UP की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने  दो ट्वीट किये और कहा 

अयोध्या प्रकरण के सम्बंध में मा सुप्रीम कोर्ट का फैसला आजकल में ही आने की संभावना है,

अयोध्या केस : मध्यस्थता पैनल नाकाम, 6 अगस्त से रोज सुनवाई 

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जिसको लेकर जनमानस में बेचैनी व विभिन्न आशंकायें स्वाभाविक हैं। ऐसे में समस्त देशवासियों से विशेष अपील है,

कि वे कोर्ट के फैसले का हर हाल में सम्मान करें यही देशहित व जनहित में सर्वोत्तम उपाय है

उन्होंने अपने दूसरें ट्वीट में कहा कि :  साथ ही, सत्ताधारी पार्टी व केन्द्र एवं राज्य सरकारों की भी,

यह संवैधानिक व कानूनी जिम्मेदारी बनती है कि वे इस खास मौके पर लोगों के जानमाल व मज़हब के सुरक्षा,

की हर प्रकार की गारण्टी सुनिश्चित करें और सामान्य जनजीवन को प्रभावित न होने दें।

Breaking News : अयोध्या मामला में 2 अगस्त से राम मंदिर पर खुलीकोर्ट में सुनवाई

डॉ। एस गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक, अयोध्या रेंज: मैं लोगों से अनुरोध करना चाहता हूं कि घबराने की जरूरत नहीं है,

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जो भी फैसला हो (अयोध्या मामले में) कोई भी उकसाने वाला भाषण न दे, कोई गलत बयान न दें l

सोशल मीडिया पर। हम सतर्क हैं और नजर रख रहे हैं।

अयोध्या मामले में अभी तक के सारे अपडेट्स के लिए निचे गएँ लिंक पर क्लिक करें : 

कलीफुल्ला ने अयोध्या विवाद को ईमानदारी-सौहार्दपूर्वक सुलझाने की सर्वश्रेष्ठ कोशिश करने की बात कही 

बड़ी खबर : अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला-मध्यस्थता के लिए 3 लोगों की समिति

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शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए

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