आशिकों की शायरी-खुलकर कर लो इश्क, डरना बिल्कुल नहीं…
aashiqo ki shayaris lovers shayri ishq sayari खुलकर कर लो इश्क, डरना बिल्कुल नहीं… शादीशुदा हो तुम, तो कुंवारे हम भी नहीं.. shayari – उलझाकर डोर नज़रों की, फिर आँखें चुराना छोड़ दो उलझाकर डोर नज़रों की, फिर आँखें चुराना छोड़ दो दिल में उतरना है तो पूरा उतर, दहलीज़ से वापस जाना छोड़ दो … आशिकों की शायरी-खुलकर कर लो इश्क, डरना बिल्कुल नहीं… को पढ़ना जारी रखें
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