bollywood shayaris amitabh bachchan shayari
ये कैसा सौदा वक्त मुझसे कर गया
तजुर्बे देके मेरी नादानियां ले गया…
*कश्मकश*
साहिल पे बैठा मैं…
कभी ये सोचता हूं ,
कौन ज़्यादा मजबूर है ?
ये किनारा.. जो चल नहीं सकता,
या
वो लहर .. जो ठहर नहीं सकती ?
दर्द सबके एक है,
मगर हौंसले सबके अलग-अलग है,
कोई हताश हो के बिखर गया
तो कोई संघर्ष करके निखर गया !
कारवाँ ए जिंदगी
हसरतों के सिवा
कुछ भी नहीं
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं
ये मिला नहीं, वो रहा नहीं..
bollywood shayaris amitabh bachchan shayari
दूरियाँ
तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में ,
कोरोना ने आकर
इल्ज़ाम अपने सर ले लिया
मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ ,
हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !
मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं ,
जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !
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