darubajo ki shayaris shayris in hindi
“नशा” “मोहब्बत” का हो
“शराब” का हो …
या “दोस्ती” का हो
“होश” तीनो मे खो जाते है
“फर्क” सिर्फ इतना है की,
“शराब” सुला देती है ..
“मोहब्बत” रुला देती है, और
“दारु” यारों की याद दिला देती है
जाम पे जाम पीने का क्या फ़ायदा?
शाम को पी, सुबह उतर जाएगी
अरे दो बून्द दोस्ती के
पी ले ज़िन्दगी सारी नशे में गुज़र जाएगी…
“बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे,
शमशान में पिया करूंगा,
जब खुदा मांगेगा हिसाब,
तो पैग बना कर दिया करूंगा”
रोक दो मेरे जनाजे को अब
मुझमे जान आ रही हैं..
darubajo ki shayaris shayris in hindi
आगे से थोडा राईट ले लो
दारु की दूकान आ रही हैं
प्यार में दुनियाँ खुबसूरत लगती है
दर्द में दुनियाँ दुश्मन लगती है
तुम जेसे दोस्त जिन्दगी में हो तो,
“बिसलेरी” भी
साली “किंगफिशर” लगती है…
मेरी आँखों में आँसू नहीं, बस कुछ नमी है..
वजह तू नहीं, तेरी ये कमी है…
कारवाँ ए जिंदगी
हसरतों के सिवा
कुछ भी नहीं
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं
ये मिला नहीं, वो रहा नहीं..
दूरियाँ
तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में ,
कोरोना ने आकर
इल्ज़ाम अपने सर ले लिया
मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ ,
हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !
मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं ,
जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !
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