deshbhakti shayari india ki shayari nafarat shayari
नफ़रत नही है किसी मज़हब से ,
हर भाषा से प्यार है.
बुरा लगता है हर वो शख़्स ,
जो देश का गद्दार है
ख़ुद मझधार में होकर भी
जो औरों का साहिल होता है
ईश्वर जिम्मेदारी उसी को देता हैं
जो निभाने के क़ाबिल होता है…
दर्द सबके एक है,
मगर हौंसले सबके अलग-अलग है,
कोई हताश हो के बिखर गया
तो कोई संघर्ष करके निखर गया !
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