mohabbat shayaris love shayris sayari
शॉपिंग में मशगूल बीवी
का सब्र से साथ देना भी
मोहब्बत है गालिब
ज़रूरी नहीं हर कोई
ताजमहल बनवाता फिरे
मोहब्बत शायरी : कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको…!
कारवाँ ए जिंदगी
हसरतों के सिवा
कुछ भी नहीं
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं
ये मिला नहीं, वो रहा नहीं..
शायरी : आस एक झूठी ही दे जाओ कि बहला सकूँ उसे, आँगन में शाम तो आयेगी तेरे जाने के बाद भी..!!
दूरियाँ
तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में ,
कोरोना ने आकर
इल्ज़ाम अपने सर ले लिया ।
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