शायरी : शाॅपिंग में मशगूल बीवी का सब्र से साथ देना भी, मुहब्बत है गालिब…

mohabbat shayaris love shayris sayari  शॉपिंग में मशगूल बीवी का सब्र से साथ देना भी मोहब्बत है गालिब ज़रूरी नहीं हर कोई ताजमहल बनवाता फिरे दर्द शायरी : दर्द के बाजार में खूब तरक्की कमा रहा हूँ….   मोहब्बत शायरी : कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको…! मोहब्बत शायरी : कुछ इस … शायरी : शाॅपिंग में मशगूल बीवी का सब्र से साथ देना भी, मुहब्बत है गालिब… को पढ़ना जारी रखें