mohabbat shayri galib ki shayaris indian sayari in hindi
हम तो जोड़ना जानते है,
तोड़ना सीखा ही नहीं.!!
खुद टूट जाते है अक्सर लेकिन,
किसी को छोड़ना सीखा ही नहीं.!!
मोहब्बत नहीं थी तो मना कर देती,
मेरी बीवी को बताने की क्या जरूरत थी…?
तू दर्द दे तो मैं उससे भी
इश्क करूँ,
एक तेरा शौक है और
एक मेरा जनून
कुछ इस अदा से निभाना है
किरदार मेरा मुझको…!
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे
वो नफरत भी ना कर सके….!!
mohabbat shayri galib ki shayaris indian sayari in hindi
मोहब्बत उसी को आज़माती है
जो हर मोड़ पर चलना जानता है….!!
कुछ “पाकर” तो हर कोई मुस्कुराता है,
मोहब्बत शायद उनकी ही होती है,
जो बहुत कुछ “खोकर” भी मुस्कुराना जानता है..
था जिनकी वफा पर नाज़ हमे,
हमराज बदलते देखे हैं …
हालात बदलते ही सबके,
अंदाज बदलते देखे हैं …!!
शाॅपिंग में मशगूल बीवी का
सब्र से साथ देना भी
मुहब्बत है गालिब ,
ज़रूरी नहीं हर कोई
ताज महल बनवाता फिरे …
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