क्या था कसूर मेरा..?एक बेटी की आखिरी पुकार…जो हर दिल को झकझोर देगी

Radhika Yadav murder case:पिता का दंभ,बेटी की सिसकी ...पूछे...क्या था कसूर मेरा...?

Radhika Yadav murder case-kya tha kasoor mera-emotional daughter poem hindi

एक भावुक गीत जो एक बेटी के दर्द को बयान करता है – जब पिता ही बन जाए कातिल। राधिका मर्डर केस(Radhika Murder Case) हो या फिर आरुषि तलवार हत्याकांड(Aarushi Talwar Murder) या कई ऐसी अनगिनत वारदातें,जो मीडियां की सुर्खियां तो बटोर न सकीं लेकिन उनमे भी एक बेटी का पिता ही उसका हत्यारा बन गया।

जाने-अनजाने उसकी खुशियों,अरमानों को रौंदने वाला दरिंदा बन गया। मौजूदा वक्त की यही हकीकत यहां एक भावुक कविता के माध्यम से बयां की गई है।

पढ़िए ‘क्या था कसूर मेरा'(kya tha kasoor mera)और महसूस कीजिए उस सिसकती आवाज़ को…

बेटी की पुकार-क्या था कसूर मेरा

छोटी सी उमर मेरी… तूने क्या किया बापूजी,
क्या था कसूर मेरा…?

तूने ही सपने सजाए थे आँखों में मेरी,
फिर क्यों छीन ली दुनिया तूने हमारी…?
क्या था कसूर मेरा…?

हर हार को मुस्करा कर सहा मैंने,
हर जीत को तेरे नाम किया…
तेरे नाम के लिए हर दर्द को पी लिया,
क्या यही था कसूर मेरा…?

दुनिया की बातों में आकर,
क्यूँ तूने तोड़ दिया रिश्ता…?
जिसे पाला था तूने,
उसी से लिया तूने बदला…?
क्या था कसूर मेरा…?

न खेल की दुनिया है अब बची,
न वो कोर्ट, न वो अकादमी का सपना बचा..!
बस एक सवाल हर बेटी के दिल में उठा 
क्या था कसूर मेरा…?

छोटी सी उमर मेरी… तूने क्या किया बापूजी,
क्या था कसूर मेरा…?

Radhika Yadav murder case-kya tha kasoor mera-emotional daughter poem hindi

Dharmesh Jain: धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।