शायरी : वे यू खैरियत पुछ्ते है हमारी, आप ही कहे यू क्या बताये उन्हे…

सिर्फ शब्दों से न कीजिएगा किसी के वजूद की पहचान... हर कोई उतना कह नहीं पाता जितना समझता और महसूस करता है !!

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shayaris in hindi ishq shayri sayari hi sayari 

वे यू खैरियत पुछ्ते है हमारी ,

आप ही कहे

यू क्या बताये उन्हे !

मेरी आँखों से जो गिरता है

वो दरिया देखो,

मैं हर हाल में ख़ुश हूँ,

मेरा नज़रिया देखो…!!

सिर्फ शब्दों से न कीजिएगा
किसी के वजूद की पहचान…
हर कोई
उतना कह नहीं पाता
जितना समझता और महसूस करता है !!

कभी मैं तो कभी 

वक्त मुझसे जीत गया…. 

इस खेल में एक साल

और बीत गया……

न जाने कोन-सी साजिशों के

हम शिकार हो गए ,

जितना दिल साफ़ रखा उतना

“गुनहगार” हो गए…

जला हुआ जंगल

छिप कर रोता रहा…..

लकड़ी उसी की थी   

उस माचिस की तीली में……

मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ ,

हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !

मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं ,

जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !

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समयधारा डेस्क: