शायरी

shayari – कोई जिस्म पर अटक गया, कोई दिल पर अटक गया…

इश्क़ उसका ही मुक्कमल हुआ, जो रूह तक पहुंच गया...

Share

shayaris in hindi trending shayri indian sayari shayari ki dairy ruh shayari 

कोई जिस्म पर अटक गया
कोई दिल पर अटक गया

इश्क़ उसका ही मुक्कमल हुआ
जो रूह तक पहुंच गया…

सोचा था आज
तेरे सिवा कुछ और सोचूं,

अभी तक इस सोच में हूँ,
कि और क्या सोचूं…?

आँगन में होती तो हम गिरा भी देते, साहेब…

कम्बख़्त आदमी ने “दीवार” दिल मे उठा रखी है…

बहुत सी है जगह रहने की यूं तो ,. मगर…

” औक़ात ” में रहने का अपना ही मज़ा है !!

shayaris in hindi trending shayri indian sayari shayari ki dairy ruh shayari 

इश्क न होने के सिर्फ दो तरीके थे…
दिल न बना होता, या तुम ना बनी होती…

दर्द सबके एक है,
मगर हौंसले सबके अलग अलग है,
कोई हताश हो के बिखर गया
तो कोई संघर्ष करके निखर गया !

कारवाँ  ए जिंदगी 

हसरतों के सिवा 

कुछ भी नहीं 

ये किया नहीं, वो हुआ नहीं 

ये मिला नहीं, वो रहा नहीं..

दूरियाँ
तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में ,

कोरोना ने आकर
इल्ज़ाम अपने सर ले लिया 

मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ ,

हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !

मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं ,

जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !

यह शायरियां भी पढ़े :

आरजू शायरी : तेरी आरजू ने कुछ यू दीवाना किया, ख्वाब की जूस्तजु ने खुद से बेगाना किया..

बारिश शायरी : बादलों के दरमिया साजिश होने लगी…कल उसने मिलने का वादा किया था…

इश्क शायरी : इश्क़ जब इबादत बन जाता है तो खुदा खुद हमारे इश्क़ की

Life Shayari : हवाओं की भी अपनी…अजब सियासतें हैं साहब,

कोरोना शायरी : दूरियाँ तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में…..

मुस्कान शायरी : हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं, साहब…!

जिंदगी शायरी : तलाश ज़िन्दगी की थी, दूर तक निकल पड़े ….

 

समयधारा डेस्क