शायरी – ना वो ज़ाहिर कर सके ना हम बयां कर सके…

बस निगाहों-निगाहों में उलझा रह गया इश्क़ हमारा

ना वो ज़ाहिर कर सके ना हम बयां कर सके, बस निगाहों-निगाहों में उलझा रह गया इश्क़ हमारा

shayaris ki duniya nigaho hi nigaho me shayri ki kitab  

ना वो ज़ाहिर कर सके
ना हम बयां कर सके

बस
निगाहों-निगाहों में उलझा रह गया
इश्क़ हमारा

कुछ इस अदा से निभाना है
किरदार मेरा मुझको…!

जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे
वो नफरत भी ना कर सके….!!

मोहब्बत  उसी को आज़माती है
जो हर मोड़ पर चलना जानता है….!!
कुछ “पाकर” तो हर कोई मुस्कुराता है,
मोहब्बत शायद उनकी ही होती है,

जो बहुत कुछ “खोकर” भी मुस्कुराना जानता है..

था जिनकी वफा पर नाज़ हमे,

हमराज बदलते देखे हैं …

हालात बदलते ही सबके,

अंदाज बदलते देखे हैं …!!

शाॅपिंग में मशगूल बीवी का
सब्र से साथ देना भी

मुहब्बत है गालिब ,

ज़रूरी नहीं हर कोई
ताज महल बनवाता फिरे ..

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Sonal: सोनल कोठारी एक उभरती हुई जुझारू लेखिका है l विभिन्न विषयों पर अपनी कलम की लेखनी से पाठकों को सटीक जानकारी देना उनका उद्देश्य है l समयधारा के साथ सोनल कोठारी ने अपना लेखन सफ़र शुरू किया है l विभिन्न मीडिया हाउस के साथ सोनल कोठारी का वर्क एक्सपीरियंस 5 साल से ज्यादा का है l