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आशिकों की शायरी : मुद्दते हो गयी है चुप रहते-रहते

कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते - Shayari

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Shayri-Sayari Ki Duniya-shayris latest trending shayaris in hindi 

मुद्दते हो गयी है

चुप रहते -रहते…कोई सुनता तो

हम भी कुछ कहते …!!

लब तो खामोश रहेंगे,
ये वादा है मेरा तुमसे…

अगर कह बैठी कुछ निगाहें,
तो खफा मत होना

खुलकर कर लो इश्क,
डरना बिल्कुल नहीं…

शादीशुदा हो तुम,
तो कुंवारे हम भी नहीं..

उलझाकर डोर नज़रों की,
फिर आँखें चुराना छोड़ दो

दिल में उतरना है तो पूरा उतर,
दहलीज़ से वापस जाना छोड़ दो

आज बहकी सी है कलम
होकर तेरे ख्यालो से रूबरू

महफिल में
आज कोई उम्दा शायरी इरशाद होगी.!!

भूलभुलैया सी हैं   
तेरी दिल की राहें..!

पहुँचना मुश्किल,   
लौटना नामुमकिन..!

कुछ इस अदा से निभाना है
किरदार मेरा मुझको…!

जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे
वो नफरत भी ना कर सके….!!

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मोहब्बत  उसी को आज़माती है
जो हर मोड़ पर चलना जानता है….!!
कुछ “पाकर” तो हर कोई मुस्कुराता है,
मोहब्बत शायद उनकी ही होती है,

जो बहुत कुछ “खोकर” भी मुस्कुराना जानता है..

था जिनकी वफा पर नाज़ हमे,

हमराज बदलते देखे हैं …

हालात बदलते ही सबके,

अंदाज बदलते देखे हैं …!!

शाॅपिंग में मशगूल बीवी का
सब्र से साथ देना भी

मुहब्बत है गालिब ,

ज़रूरी नहीं हर कोई
ताज महल बनवाता फिरे ..

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समयधारा डेस्क