breaking_newsअन्य ताजा खबरेंदेशदेश की अन्य ताजा खबरेंलाइफस्टाइल
Trending

नवरात्र 3rd Day : कोरोना को ख़त्म करने की मिलेगी शक्ति अगर माँ चंद्रघंटा की करोगें भक्ति

नवरात्रि तीसरा दिन माँ ‘चंद्रघंटा’, आरोग्यं :- नवदुर्गा के औषधि रूप - तृतीय चंद्रघंटा (चन्दुसूर)

navratri-special-day-three-maa-chandraghanta-puja-vidhi-in-hindi
नई दिल्ली,(समयधारा) : इस बार नवरात्र में पूजा स्थल मंदिर सभी वीरान पड़े है l
सिर्फ मंदिरों में मंदिर के पुजारी भगवान की पूजा अर्चना कर रहे है l इन दिनों नवरात्र का बड़ा त्यौहार शुरू है l 
कोरोना वायरस के चलते नवरात्र में लोग घर पर ही माँ की पूजा-अर्चना कर रहे है l
27 मार्च को नवरात्र का तीसरा दिन है l नवरात्र के नौ दिन माँ दुर्गा के नौ रूपों नौ अवतारों के लिए जाना जाता है l
माँ का हर रूप हर अवतार हमारे जीवन के हर दुखों को हरने के लिए काफी है l 
कहते है माँ दुर्गा के हर रूप हमारे सांसारिक जीवन की सभी कष्टों को दूर करने में सहायक है l

इन नौ रूपों में आज माँ के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा को पूजा जाता है l 
27 मार्च 2020 – नवरात्र 3rd डे
तृतीयं चंद्रघंटा पूजन (तृतीय दिवस) :-
चन्द्रघन्टा : मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप :-
navratri-special-day-three-maa-chandraghanta-puja-vidhi-in-hindi
मां दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्र उपासना में तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन और आराधना की जाती है।
इनका स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है।
इसी कारण इन देवी का नाम चंद्रघंटा पड़ा है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है।इनका वाहन सिंह है।
मन, वचन, कर्म एवं शरीर से शुद्ध होकर विधि-विधान के अनुसार मां चंद्रघंटा की शरण लेकर उनकी उपासना एवं आराधना में तत्पर होना चाहिए।
इनकी उपासना से समस्त सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
शुभ अंक………………6
शुभ रंग……………नीला
navratri-special-day-three-maa-chandraghanta-puja-vidhi-in-hindi
दिशाशूल :-
पूर्वदिशा- यदि आवश्यक हो तो उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें। 
आज का मंत्र :-
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यां चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
संस्कृत सुभाषितानि :-
अष्टावक्र गीता – अष्टादश अध्याय :-  
शुद्धं बुद्धं प्रियं पूर्णं
निष्प्रपंचं निरामयं।
आत्मानं तं न जानन्ति
तत्राभ्यासपरा जनाः॥१८- ३५॥
अर्थात:-
आत्मा के सम्बन्ध में जो लोग अभ्यास में लग रहे हैं, वे अपने शुद्ध, बुद्ध, प्रिय, पूर्ण, निष्प्रपंच और निरामय ब्रह्म-स्वरूप को नहीं जानते॥३५॥
आरोग्यं :-
नवदुर्गा के औषधि रूप :-
तृतीय चंद्रघंटा (चन्दुसूर) –
दुर्गा का तीसरा रूप है चंद्रघंटा,
इसे चनदुसूर या चमसूर कहा गया है।
यह एक ऐसा पौधा है जो धनिये के समान है। इस पौधे की पत्तियों की सब्जी भी बनाई जाती है।
ये कल्याणकारी है। इस औषधि से मोटापा दूर होता है। इसलिये इसको चर्महन्ती भी कहते हैं।
शक्ति को बढ़ाने वाली, रक्त को शुद्ध करने वाली एवं हृदयरोग को ठीक करने वाली चंद्रिका औषधि है।
अत: इस बीमारी से संबंधित रोगी को चंद्रघंटा की पूजा करना चाहिए।
चंद्रसूर वात, बलगम, और दस्त को ठीक करता है | यह बलवर्धक और पुष्टिकारी है |
navratri-special-day-three-maa-chandraghanta-puja-vidhi-in-hindi

Show More

shweta sharma

श्वेता शर्मा एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। लेकिन अब अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। श्वेता शर्मा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button