ठंड की शायरी : मौसम ने ली अंगड़ाई और निकाल ली आप ने रज़ाई…

आइसक्रीम से हुई लड़ाई और मूंगफली है घर में आई, शरबत से मुंह मोड़ लिया, चाय से नाता जोड़ लिया, ज़रा सी ठंड क्या पड़ी, आप ने नहाना ही छोड़ दिया

ठंड की शायरी : मौसम ने ली अंगड़ाई और निकाल ली आप ने रज़ाई... सर्दी की शायरी

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मौसम ने ली अंगड़ाई
और निकाल ली आप ने रज़ाई

आइसक्रीम से हुई लड़ाई
और मूंगफली है घर में आई

शरबत से मुंह मोड़ लिया
चाय से नाता जोड़ लिया

ज़रा सी ठंड क्या पड़ी
आप ने नहाना ही छोड़ दिया

खामोशियों से मिल रहे है,

खामोशियों के जवाब

अब कैसे कहे की मेरी

उनसे बाते नही होती…

दिल…ने कहा की, कोई याद कर रहा है

मैने सोचा…दिल…, 

मजाक कर रहा है

फिर जब आई हिचकी

तो ख्याल आया

की कोई अपना ही

मेसेज का इंतजार  कर रहा है 

ख़ुद मझधार में होकर भी
जो औरों का साहिल होता है
ईश्वर जिम्मेदारी उसी को देता हैं
जो निभाने के क़ाबिल होता है…

दर्द सबके एक है,
मगर हौंसले सबके अलग-अलग है,
कोई हताश हो के बिखर गया
तो कोई संघर्ष करके निखर गया !

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Sonal: सोनल कोठारी एक उभरती हुई जुझारू लेखिका है l विभिन्न विषयों पर अपनी कलम की लेखनी से पाठकों को सटीक जानकारी देना उनका उद्देश्य है l समयधारा के साथ सोनल कोठारी ने अपना लेखन सफ़र शुरू किया है l विभिन्न मीडिया हाउस के साथ सोनल कोठारी का वर्क एक्सपीरियंस 5 साल से ज्यादा का है l