वजूद शायरी – मेरे लफ्जों से तू ना कर…मेरे किरदार का फैसला,

तेरा वजूद मिट जायेगा, मेरी हकीक़त ढूँढते-ढूँढते...

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वजूद शायरी - मेरे लफ्जों से तू ना कर मेरे किरदार का फैसला...,

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मेरे लफ्जों से तू ना कर

मेरे किरदार का फैसला

तेरा वजूद मिट जायेगा

मेरी हकीक़त ढूँढते-ढूँढते…

कितना ठहराव होता है
कुछ लोगों में  

चुप भी बैठें हों  
तो लगता है  
कुछ कह रहे हैं….

कुछ इस अदा से निभाना है
किरदार मेरा मुझको…!

जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे
वो नफरत भी ना कर सके….!!

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मोहब्बत  उसी को आज़माती है
जो हर मोड़ पर चलना जानता है….!!
कुछ “पाकर” तो हर कोई मुस्कुराता है
मोहब्बत शायद उनकी ही होती है

जो बहुत कुछ “खोकर” भी मुस्कुराना जानता है..

था जिनकी वफा पर नाज़ हमे

हमराज बदलते देखे हैं …

हालात बदलते ही सबके

अंदाज बदलते देखे हैं …!!

शाॅपिंग में मशगूल बीवी का
सब्र से साथ देना भी

मुहब्बत है गालिब

ज़रूरी नहीं हर कोई
ताज महल बनवाता फिरे ..

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बस
कंठ ही हमारा नीला नहीं है

वरना
ज़हर तो हमने भी कम नहीं पिया…

हर पत्थर चमकदार नहीं होता
हर इंसान वफादार नहीं होता
यूं तो गुलशन में
हजारों गुल खिलते हैं
हर फूल खुशबूदार नहीं होता
काश सभी जान पाते
इस हकीकत को
दिल के जख्म का
कोई मरहम नहीं होता

हर इंसान वफादार नहीं होता, यूं तो गुलशन में…..

 

किसी को तो पसंद आयेंगे
हम भी

कोई तो
सादगी पसंद करता होगा..

चेहरा तो मिल जायेगा
हमसे भी ज्यादा खूबसूरत..!!

पर
जब बात दिल की आएगी..
तुम हार जाओगे…!!

टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता
इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता
ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले

ये सोच तो लिया होता
के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता

Sonal: सोनल कोठारी एक उभरती हुई जुझारू लेखिका है l विभिन्न विषयों पर अपनी कलम की लेखनी से पाठकों को सटीक जानकारी देना उनका उद्देश्य है l समयधारा के साथ सोनल कोठारी ने अपना लेखन सफ़र शुरू किया है l विभिन्न मीडिया हाउस के साथ सोनल कोठारी का वर्क एक्सपीरियंस 5 साल से ज्यादा का है l