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उत्तर प्रदेश : छठे चरण के तहत सात जिलों में लगभग 60% मतदान

लखनऊ, 4 मार्च :  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण के तहत सात जिलों की 49 सीटों पर शनिवार को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया। इस चरण में करीब 60 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, शाम पांच बजे मतदान खत्म होने के समय तक करीब 60 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। हालांकि यह आंकड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि पांच बजे मतदान केंद्रों पर कतार में लोग वोट डालने के लिए मौजूद थे। कतार में लगे सभी लोगों को वोट डालने दिया जाना था।

अधिकारियों ने बताया कि कुशीनगर में 58.67 फीसदी, आजमगढ़ तथा गोरखपुर में 58 फीसदी और बलिया में 57.27 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। 

उत्तर प्रदेश में छठे चरण के मतदान के लिए सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें देखी गई। पहले मतदान करने वालों में गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यानाथ भी रहे, जिन्होंने राज्य में भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने का दावा किया।

छठे चरण की 49 सीटों में से नौ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। छठे चरण में 635 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 1.72 करोड़ मतदाता के हाथों में था।

इस चरण में 1,72,46,410 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के योग्य थे, जिनमें 94,60,597 पुरुष, 77,84,831 महिलाएं व 982 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।

इस चरण के मतदान में महराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ व बलिया शामिल हैं। गोरखपुर शहर सीट पर सबसे ज्यादा 23 और आमजगढ़ व गोहना सीट पर सबसे कम सात-सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में 49 सीटों में से सपा ने 27, बसपा ने नौ, भाजपा ने सात, कांग्रेस ने चार और अन्य ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी।

छठे चरण में मऊ सीट से जेल में बंद मुख्तार अंसारी, घोसी से उनके बेटे अब्बास अंसारी, पनियारा से उत्तर प्रदेश विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश पांडेय बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर दरियागंज से व पूर्व नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य पडरौना से भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं, जबकि नौतनवा सीट से जेल में बंद अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी चुनाव मैदान में हैं।

–आईएएनएस

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Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।

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