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Thursday Status-108 मोतियों की माला जपते हुए मन भटकता है

और 500 के नोटों के बंडल गिनते समय मन एकाग्र रहता है विचार करना गड़बड़ कहा है...

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108 मोतियों की माला

जपते हुए मन भटकता है,

और 500 के नोटों के बंडल गिनते

समय मन एकाग्र रहता है

विचार करना गड़बड़ कहा है…

Thursday Thoughts – इंसान वहीं बसता है जहां उसे पैसा नहीं, सुंदरता नहीं,

इंसान वहीं बसता है

जहां उसे पैसा नहीं,

सुंदरता नहीं, रुतबा नहीं

बल्कि शांति मिलती है.

Thursday Thoughts : आगे बढ़ने वाले कभी किसी को बाधा नही पहुंचाते…

आगे बढ़ने वाले कभी
किसी को बाधा नही पहुंचाते
और दूसरो को बाधा पहुंचाने
वाले कभी आगे नही बढ़ते

Friday thoughts: नीयत और सोच अच्छी होनी चाहिए…

नीयत और सोच अच्छी होनी चाहिए,

बातें तो हर कोई अच्छी कर लेता है

Thursday Thought : “दर्द” एक संकेत है कि तुम जिंदा हो..

सोचो मत – शुरुआत करो 

वादा मत करो – साबित करो 

बताओ मत – करके दिखाओ 

कथनी और करनी में 

अंतर मत रखो 

Friday Thoughts : रख लो आईने हज़ार तसल्ली के लिए…

सच के रास्ते पे चलने का एक फ़ायदा यह हुआ

रास्ते में मुझे कहीं भी भीड़ नहीं मिली..!

यह भी पढ़े : 

Sunday Thoughts : हौसले के तरकश में कोशिश का वो तीर ज़िंदा रखो, हार जाओ चाहे

Saturday Thoughts : जब तक जीना ,तब तक सीखना,अनुभव ही जिंदगी में सर्वश्रेष्ठ..

Wednesday Thoughts : मन ऐसा रखो कि किसी को बुरा न लगे…

Thursday thoughts:जिन्दगी से हमेशा प्यार करो क्योंकि जिन्दगी बहुत हसीन है।

Saturday Thoughts : मन का झुकना बहुत जरूरी है, केवल सर झुकाने से….

Friday Thoughts : बस एक तज़ुर्बा लिया है ज़िन्दगी से.. अपनो के नज़दीक रहना है..

Wednesday Thoughts : डाली से टूटा फूल फिर से लग नहीं सकता है मगर…

Tuesday Thoughts : किसी भी रिश्ते को बनाए रखने के लिए गिड़गिड़ाने की जरुरत नहीं

Sunday Thoughts : असफल होना बुरा है लेकिन प्रयास ही ना करना महाबुरा है

Friday Thoughts : मैं उन लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मुझे छोड़ दिया…..

गुरुवार सुविचार : हम आ जाते हैं बहुत जल्दी दुनियां की बातों में गुरु की बातों में

Friday Thoughts : ताल्लुक रखना है तो झगड़ा कैसा,ताल्लुक रखना ही नहीं तो झगड़ा कैसा

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Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।

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