भाई दूज 15 नवंबर 2023 तिलक करने का शुभ मुहूर्त
Bhaidooj-2023-Tika-karne-ka-Shubh-Muhurat-15-Nov-vidhi-हिंदू धर्म का पावन पर्व दिपावली(Deepawali)पांच दिवसीय होता है।
जिसकी शुरुआत धनतेरस(Dhanteras 2023)से होती है और भाई दूज(BhaiDooj)पर समापन।
भाई दूज को भाऊ बीज,भाई फोंटा या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है।
इस वर्ष दिवाली(Diwali 2023)की अमावस्या तिथि दो दिन पड़ी-12 नवंबर और 13 नवंबर।
उदया तिथि के कारण 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा(Govardhan Puja)की गई तो वहीं आज,बुधवार यानि 15 नवंबर को भाई दूज का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा(Bhaidooj-2023)है।
हालांकि हिंदू पंचागानुसार, भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है,तो इस हिसाब से भाई दूज की तिथि का आरंभ 14 नवंबर की दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से हो गया है।
इसलिए कई जगह भाई दूज 2023(BhaiDooj 2023)को 14 नवंबर भी मनाया गया है।
लेकिन हिंदू धर्म में कोई भी त्यौहार उदया तिथि के मुताबिक मनाना श्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक भाई दूज(Bhaidooj)का पर्व इस वर्ष 15 नवंबर 2023,बुधवार को मनाया जा रहा है।
तो चलिए अब आपको बताते है कि भाई दूज 2023 पर बहनें किस शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक या टीका (Bhaidooj-2023-Tika-karne-ka-Shubh-Muhurat-15-Nov-vidhi)करें और पूजा विधि क्या(Bhai-ko-tilak-karne-ka-time-puja-vidhi)है:
भाई दूज 2023 – BhaiDooj 2023
हिंदू पंचाग के अनुसार, कार्तिक मास की द्वितीया तिथि का आरंभ 14 नवंबर,मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से हो चुकी है और इसका समापन आज 15 नवंबर,बुधवार को दोपहर 1.47 बजे तक(15-Nov-Bhai-ko-tilak-karne-ka-time-puja-vidhi)होगा।
मान्यता है कि कोई भी पर्व, व्रत या त्योहार उसकी उदयातिथि के अनुसार मनाना चाहिए। ऐसे में भाई दूज की पूजा 15 नवंबर(Bhaidooj-2023-Tika-karne-ka-Shubh-Muhurat-15-Nov-vidhi)को ही की जाएंगी।
15 नवंबर को भाई के माथे पर तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त सुबह 10:40 से लेकर 12 बजे तक है।
इसके अलावा बहनें दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर 03 बजकर 19 मिनट तक भी भाई को टीका कर सकती हैं।
-भाई दूज की पूजा करने के लिए सबसे पहले बहनें एक थाली में फल, फूल, मिठाई, कुमकुम,कलावा, हल्दी, चंदन,रोली, सुपारी और नारियल रखें।
-अब चावल के आटे से चौक बनाएं और उसके सामने भाई को बैठा दें।
-अब भाई के माथे पर तिलक और चावल लगाएं। इसके बाद उसके हाथ में नारियल रखें और फूल, फल, सुपारी दें।
-इसके बाद भाई के हाथ पर कलावा बांधें। उसका मुंह मीठा कराएं और उसकी आरती करें।
Bhaidooj-2023-Tika-karne-ka-Shubh-Muhurat-15-Nov-vidhi
पौराणिक कथाओं के मुताबिक,भगवान श्रीकृष्ण जब नरकासुर का वध करके अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए,तो सुभद्रा ने मिठाई और फूलों से उनका स्वागत-सत्कार किया और उनके माथे पर तिलक लगाया। बस तभी से इस दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाने लगा।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, यमराज और यमुना मां भाई-बहन थे। एक बार जब यमराज अपनी बहन से मिलने गए तो यमुना ने उन्हें तिलक लगाया, पकवान बनाएं और नारियल भेंट में दिया।
यमराज ने यमुना से वरदान मांगने के लिए कहां तो यमुना बोलीं कि हर साल वे उनसे मिलने जरूर आएं। तब से भाई दूज का पर्व मनाए जाने की शुरुआत हुई।
भाई दूज का ही दिन था, जब यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने गए थे।
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– भाई दूज के बहनें ये गलतियां बिल्कुल भी न करें
– काले रंग के कपड़े न पहनें
– अपने भाई से लड़ाई-झगड़ा न करें
– भाई जो भी तोहफा दे उसे खुशी-खुशी स्वीकार करें
– काले रंग के कपड़े न पहनें
– भाई को तिलक लगाए बिना खाना न खाएं
– पूजा के समय गलत दिशा में न बैठें। हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में बैठकर बहन से तिलक कराएं।
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