Bhaidooj-3rd-Nov Tilak-karne-ka-Shubh-Muhurat-Tika-Puja-Vidhi
हिंदू धर्म का पावन पर्व दिपावली (Deepawali) पांच दिवसीय होता है।
जिसकी शुरुआत धनतेरस (Dhanteras 2024)से होती है और भाई दूज(BhaiDooj) पर समापन।
भाई दूज को भाऊ बीज,भाई फोंटा या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है।
इस वर्ष दिवाली (Diwali 2024) की अमावस्या तिथि दो दिन पड़ी-31 अक्टूबर और 1 नवंबर।
उदया तिथि के कारण 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) की गई तो वहीं रविवार यानि 3 नवंबर को भाई दूज का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा (Bhaidooj-2024) है।
हालांकि हिंदू पंचागानुसार, भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है,तो इस हिसाब से भाई दूज की तिथि का आरंभ 2 नवंबर की रात 8 बजकर 21 मिनट से हो गया है।
इसलिए कई जगह भाई दूज 2024 (BhaiDooj 2024) को 2 नवंबर भी मनाया जाएगा।
लेकिन हिंदू धर्म में कोई भी त्यौहार उदया तिथि के मुताबिक मनाना श्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक भाई दूज(Bhaidooj) का पर्व इस वर्ष 3 नवंबर 2024 रविवार को मनाया जा रहा है।
तो चलिए अब आपको बताते है कि भाई दूज 2024 पर बहनें किस शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक या टीका (Bhaidooj-3rd-Nov Tilak-karne-ka-Shubh-Muhurat-Tika-Puja-Vidhi) करें और पूजा विधि क्या(Bhai-ko-tilak-karne-ka-time-puja-vidhi)है:
भाई दूज 2024 – BhaiDooj 2024
हिंदू पंचाग के अनुसार, कार्तिक मास की द्वितीया तिथि का आरंभ 2 नवंबर शनिवार को रात 8 बजकर 21 मिनट से होगा और इसका समापन 3 नवंबर रविवार को रात 10:05 बजे तक (3-Nov-Bhai-ko-tilak-karne-ka-time-puja-vidhi) होगा।
मान्यता है कि कोई भी पर्व, व्रत या त्योहार उसकी उदयातिथि के अनुसार मनाना चाहिए। ऐसे में भाई दूज की पूजा 3 नवंबर को ही की जाएंगी।
भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त-Bhaidooj-2024-Tika-karne-ka-Shubh-Muhurat
भाई दूज पर 3 नवंबर 2024 को दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक तिलक करने का शुभ मुहूर्त बन रहा है l इस दिन 2 घंटे और 12 मिनट का टीका करने का शुभ मुहूर्त है l
भाई दूज पजा विधि-Bhaidooj 2024 Puja Vidhi
-भाई दूज की पूजा करने के लिए सबसे पहले बहनें एक थाली में फल, फूल, मिठाई, कुमकुम,कलावा, हल्दी, चंदन,रोली, सुपारी और नारियल रखें।
-अब चावल के आटे से चौक बनाएं और उसके सामने भाई को बैठा दें।
-अब भाई के माथे पर तिलक और चावल लगाएं। इसके बाद उसके हाथ में नारियल रखें और फूल, फल, सुपारी दें।
-इसके बाद भाई के हाथ पर कलावा बांधें। उसका मुंह मीठा कराएं और उसकी आरती करें।
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जानें क्यों मनाया जाता है भाई दूज- Bhaidooj Importance
पौराणिक कथाओं के मुताबिक,भगवान श्रीकृष्ण जब नरकासुर का वध करके अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए,तो सुभद्रा ने मिठाई और फूलों से उनका स्वागत-सत्कार किया और उनके माथे पर तिलक लगाया। बस तभी से इस दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाने लगा।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, यमराज और यमुना मां भाई-बहन थे। एक बार जब यमराज अपनी बहन से मिलने गए तो यमुना ने उन्हें तिलक लगाया, पकवान बनाएं और नारियल भेंट में दिया।
यमराज ने यमुना से वरदान मांगने के लिए कहां तो यमुना बोलीं कि हर साल वे उनसे मिलने जरूर आएं। तब से भाई दूज का पर्व मनाए जाने की शुरुआत हुई।
भाई दूज का ही दिन था, जब यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने गए थे।
भाई दूज पर बहनें न करें ये गलतियां
– भाई दूज के बहनें ये गलतियां बिल्कुल भी न करें
– काले रंग के कपड़े न पहनें
– अपने भाई से लड़ाई-झगड़ा न करें
– भाई जो भी तोहफा दे उसे खुशी-खुशी स्वीकार करें
– काले रंग के कपड़े न पहनें
– भाई को तिलक लगाए बिना खाना न खाएं
– पूजा के समय गलत दिशा में न बैठें। हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में बैठकर बहन से तिलक कराएं
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