Navratri Day-1 पर संकटमोचक माँ शैलपुत्री की करों आराधना

अगर विपदाओं से पाना हो छुटकारा, माँ शैलपुत्री की शरण में आना

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नई दिल्ली,  (समयधारा) : चैत्र नवरात्रि आज यानी 22 मार्च से शुरू हो गयी है l

नवरात्र के नौ दिन माँ शेरावाली के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है l 

माता के नौ रूप है और इन नौ रूपों के बारे में हम आपको रोज अवगत कराएँगे l

माँ के नौ दिन का अपना विशिष्ठ महत्व है..

कोई तिथि क्षय नहीं, पूरे नवरात्र

इस बार चैत्र नवरात्र 22 से 30 मार्च के बीच रहेंगे हालाँकि नवरात्र के नौ दिनों में कोई तिथि क्षय तो नहीं हैl 

नवरात्र: किसी तिथि का क्षय नहीं 
प्रतिपदा – 22 मार्च   
द्वितीय – 23 मार्च  
तृतीया  – 24 मार्च  
चतुर्थी – 25 मार्च  
पंचमी – 26 मार्च  
षष्टी -27 मार्च  
सप्तमी – 28 मार्च  
अष्टमी – 29 मार्च  
नवमी – 30 मार्च  
इन बातों का ध्यान रखें

चैत्र नवरात्र पर जौ बोएं। इससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. 

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कोरोना काल के कारण वातावरण शुद्ध करने के लिए पीली सरसो या हल्दी, सेंधा नमक और लोंग से अग्यारी करें।

इन नौ दिनों में आज पहला दिन माँ शैलपुत्री का है इसके बारे में विस्तृत जानकारी इस प्रकार है …l

1. पहला नवरात्रा 22 मार्च   2023 माँ शैलपुत्री जी

चोला (मैरुन). भोग (सफेद चीजें, या गांय के घी से बनी). यह सब करने से, सभी प्रकार के रोगो से मुक्ति मिल जाती हैl

शैलपुत्री ( पहला दिन )
नवरात्र के पहले दिन मां के रूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम ‘ शैलपुत्री ‘ पड़ा।
माता शैलपुत्री का स्वरुप अति दिव्य है। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और मां के बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है।
मां शैलपुत्री बैल पर सवारी करती हैं। मां को समस्त वन्य जीव-जंतुओं का रक्षक माना जाता है। इनकी आराधना से आपदाओं से मुक्ति मिलती है।

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समयधारा डेस्क: