Chaitra Navratri 2025:कब है अष्टमी और राम नवमी?क्या है कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त,विधि और मंत्र

इस वर्ष एक नवरात्रि कम हो जाने से 8 नवरात्रि हो गए है और लोगों के मन में शंका है कि आखिर चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और राम नवमी कब(Chaitra Navratri 2025-Ashtami-Ram Navami kab hai) है और कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त व विधि क्या है। तो चलिए बताते है विस्तार से।

नई दिल्ली:Chaitra Navratri 2025-Ashtami-Ram Navami date-kanya pujan shubh muhurat-vidhi-नवरात्रि(Navratri 2025)में नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है।

इन पावन दिनों में भक्तगण दिन-रात मां की आराधना-स्तुति में लीन रहते है और उनसे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि व खुशहाली की प्रार्थना करते है।

चैत्र नवरात्रि 2025(Chaitra Navratri 2025) में आज 5 अप्रैल 2025,शनिवार को आठवीं नवरात्रि यानि अष्टमी या महाअष्टमी है।

चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है।

भले ही लोग नवरात्रि व्रत रखें या न रखें लेकिन अष्टमी(Ashtami) और रामनवमीं(Ram Navami)के दिन कन्या पूजन विशेष रूप से किया जाता है।

मान्यता है कि कन्या पूजन के पश्चात ही नवरात्रि(Navratri)का पावन पर्व संपूर्ण माना जाता है।

लेकिन इस वर्ष एक नवरात्रि कम हो जाने से 8 नवरात्रि हो गए है और लोगों के मन में शंका है कि आखिर चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और राम नवमी कब(Chaitra Navratri 2025-Ashtami-Ram Navami kab hai) है और कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त व विधि क्या है।

तो चलिए बताते है विस्तार से।

Chaitra Navratri 2025-Ashtami-Ram Navami date-kanya pujan shubh muhurat-vidhi:

 

अष्टमी 2025-रामनवमी 2025 कन्या पूजन शुभ मुहूर्त

अष्टमी/महाअष्टमी और राम नवमी 2025 तिथि और कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त । Ashtami-Ram Navami 2025 date-kanya pujan shubh muhurat

वैसे तो नवरात्रि में शेरावाली माता के हर रूप का विशेष महत्व होता है और उनके प्रत्येक स्वरूप की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है।

लेकिन चैत्र नवरात्रि हो या फिर शारदीय, दुर्गा अष्टमी/महाअष्टमी और राम नवमी का विशेष महत्व होता है।

अष्टमी पर जहां मां दुर्गा के महागौरी(MahaGauri)स्वरूप को पूजा जाता है तो वहीं राम नवमी पर मां सिद्धिदात्री के साथ-साथ प्रभु श्रीराम(Lord Ram)की भी पूजा की जाती है।

चूंकि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। इसलिए माता के नौवें नवरात्रि को राम नवमी भी कहते(Chaitra Navratri 2025-Ashtami-Ram Navami date-kanya pujan shubh muhurat-vidhi)है।

नौ दिनों के पावन नवरात्रि का समापन कंचक जमाकर या फिर कन्या पूजन के द्वारा किया जाता है।

इस दौरान छोटी-छोटी कन्याओं को माता का स्वरूप मानकर घर बुलाकर उनकी पूजा की जाती है और उन्हें माता के समान भोग अर्पित करके उपहार देकर विदा किया जाता है।

अब चूंकि इस साल नवरात्रि नौ दिन की न होकर आठ दिन की हो गई है। तो इसलिए भक्तगण के बीच संशय है कि आखिर अष्टमी और राम नवमी कब है और कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त व विधि क्या है।

Chaitra Navratri 2025-Ashtami-Ram Navami date-kanya pujan shubh muhurat-vidhi

 

चैत्र नवरात्रि अष्टमी 2025

 

अष्टमी या महाअष्टमी 2025 कब है, क्या है पूजा शुभ मुहूर्त-Ashtami 2025 date kanya pujan shubh muhurat-vidhi

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 4 अप्रैल,शुक्रवार को रात 08 बजकर 12 मिनट पर अष्टमी तिथि की शुरुआत हो रही है, जो अगले दिन यानी शनिवार 05 अप्रैल को शाम 07 बजकर 26 मिनट पर खत्म हो जाएगी।

उदिया तिथि के अुनसार,आज यानि 5 अप्रैल को अष्टमी मनाई जाएंगी और कन्याएं जमाई जाएंगी।

 

अष्टमी कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि महाष्टमी के दिन कन्या पूजन का समय- 5 अप्रैल सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक।

राम नवमी 2025 कब है,क्या है पूजा शुभ मुहूर्त-Ram Navami 2025 date-kanya pujan shubh muhurat-vidhi

शनिवार 05 अप्रैल को शाम 07 बजकर 26 मिनट से नवमी तिथि का आरंभ हो रहा है और  नवमी तिथि कि समाप्ति रविवार, 06 अप्रैल को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगी।

उदया तिथि के मुताबिक, राम नवमी 06 अप्रैल, दिन रविवार को धूमधाम से मनाई जाएंगी। जो लोग नवमी को कन्या पूजते है उन्हें 06 अप्रैल के दिन कन्या पूजन करना चाहिए।

 

 

राम नवमी कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

राम नवमी पर कन्या पूजन का अभिजित मुहूर्त- 06 अप्रैल सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक।

Chaitra Navratri 2025-Ashtami-Ram Navami date-kanya pujan shubh muhurat-vidhi

 

कन्या पूजन का महत्व

नवरात्रि पर जितना महत्व देवी आराधना का होता है उतनी ही नौ दिनों के व्रत के बाद अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का होता है।

कन्या पूजन से मां दुर्गा का पूर्ण आशीर्वाद मिलता है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि के साथ धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से अष्टमी एवं नवमी तिथि को कन्या पूजन करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।

 

 

नवरात्रि में कन्या पूजन विधि: (Kanya pujan Vidhi)

-पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, कन्या पूजन के लिए एक दिन पहले कन्याओं को निमंत्रण दिया जाता है।

-कन्याओं के घर में आवागमन पर उनके पैरों को धोना चाहिए।

-इसके बाद उन्हें उचित स्थान पर बैठाना चाहिए।

-फिर कन्याओं के माथे पर अक्षत और कुमकुम लगाएं और कलाई पर रक्षासूत्र बांधें।

-इसके बाद मां दुर्गा का ध्यान करके देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं।

-भोजन के बाद कन्याओं को सामर्थ्य के मुताबिक दक्षिणा या उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें।

-मान्यता है कि माता कन्या पूजन से प्रसन्न होती है और अपने भक्तों के सभी दुख हर लेती है और उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती है।

-राम नवमी पर आप प्रभु श्री राम की आरती भी अवश्य करें। हो सकें तो राम चरित मानस का पाठ या राम-स्तुति और रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें।

 

 

कन्या पूजन मंत्र
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।।
ऊं श्री दुं दुर्गायै नम:
ऊं श्री कुमार्यै नम:
ऊं श्री त्रिगुणात्मिकायै नम:

 

राम नवमीं के दिन मां सिद्धिदात्री सभी मनोकामनाएं पूरी करती है और कष्ट हरती है।

इसके साथ ही मान्यता है कि रामनवमीं की पूजा शुभ मुहूर्त में करने से प्रभु राम सुख-संपत्ति के साथ,सुरक्षित जीवन और सम्मान का आशीर्वाद प्रदान करते है।

पुण्य फल की प्राप्ति के लिए रामनवमीं पर आप राम रक्षा स्रोत का पाठ कर सकते है और अगर आप स्रोत पढ़ने में असमर्थ है तो महज एक श्लोक पढ़कर भी आप श्री राम की कृपा प्राप्त कर सकते है।

श्री राम का मुख्य मन्त्र है- ‘रां रामाय नम:’ आज इस मन्त्र का जप करने से आपको सुख और सम्मान की प्राप्ति होगी।

अंबे जी की आरती 

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
Chaitra Navratri 2025-Ashtami-Ram Navami date-kanya pujan shubh muhurat-vidhi
Radha Kashyap: