राहु-केतु से बचने के लिए चंद्र ग्रहण पर उपाय
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आज कार्तिक पूर्णिमा(Kartik Purnima 2022) है और कार्तिक पूर्णिमा(Kartik Purnima)के दिन ही देव-दीपावली(Dev Deepawali 2022)मनाई जाती है लेकिन आज चंद्र ग्रहण भी लग रहा है।
ग्रहण काल में किसी भी प्रकार की पूजा वर्जित है इसलिए काशी,वाराणसी सहित देशभर में देव-दीपावली का पर्व सोमवार,7 नवंबर को धूमधाम से मनाया गया है।
हिंदू पंचागानुसार,आज 8 नवंबर 2022,मंगलवार को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण(Chandra Grahan 2022)लग रहा है।
भारत में चंद्र ग्रहण आज शाम 5.32 बजे शुरू होगा, जोकि शाम 6.19 बजे खत्म हो जाएगा।
हालांकि विश्वभर में भारतीय समयानुसार, चंद्र ग्रहण(lunar-eclipse)8 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर शाम 7 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा।
चंद्र ग्रहण काल में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरुरी है ताकि आप किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव से बच(Chandra-Grahan-2022-rahu-ketu-se-bachne-ke-upay-lunar-eclipse-totake)सकें।
चंद्र ग्रहण 2022 का सूतक काल (Chandra Grahan 2022 Sutak Kaal)
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के करीब 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है.
चूँकि चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा. इस लिए चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा।
इससे किसी भी प्रकार के पूजन पाठ या धार्मिक कार्य पर रोक होती है।
ऐसे में लोगों के बीच देव दीपावली मनाने पर संशय है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूतक काल में किसी भी प्रकार के पूजा पाठ, देव दर्शन या स्पर्श पर रोक होती है, जिस कारण देव दीपावली इस बार 7 नवंबर को मनाई जाएगी।
धार्मिक मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान राहु और केतु का प्रकोप पृथ्वी पर अधिक प्रभावी होता है।इसलिए चंद्र ग्रहण उपाय करने(Chandra Grahan 2022 Upay)चाहिए।
ऐसे में राहु –केतु के प्रभाव से बचने के लिए ये उपाय बहुत प्रभावी हो सकता(Chandra-Grahan-2022-rahu-ketu-se-bachne-ke-upay-lunar-eclipse-totake)है।
धार्मिक मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान राहु और केतु का प्रभाव ज्यादा प्रभावशाली हो जाता है। ऐसे में इनके दुष्प्रभाव से बचने के लिए निम्न उपाय बहुत लाभदायक हो सकते(Chandra-Grahan-2022-rahu-ketu-se-bachne-ke-upay-lunar-eclipse-totake)है।
करे गुरु मंत्र का जाप: चंद्र ग्रहण के दौरान बुरे प्रभावों से बचाव के लिए गुरु मंत्र का जाप करना फायदेमंद होता है।
गुरु मंत्र : ‘ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’का जाप करें।
करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप: चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. मान्यता है कि इस दौरान राहु और केतु के प्रभाव से बचाव के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप बेहद लाभकारी साबित होता है।
महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
राहु–केतु के प्रभाव से बचने के मंत्र : शास्त्रों के अनुसार राहु-केतु की बुरी दृष्टि पड़ने पर व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है। इसके लिए ग्रहण के दौरान राहु और केतु के प्रभाव से बचाव के लिए नीचे लिखे मंत्र का जाप अवश्य करें।
मंत्र: तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
तुलसी के पत्ता का सेवन : धर्म ग्रंथों के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान तुलसी(Tulsi)के पत्ता का सेवन करना चाहिए। तुलसी का पत्ता मुख में डाल लें। यह फायदेमंद होता है।
बगलामुखी मंत्र : धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति पर पड़ने वाली नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है तथा शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।
शत्रु पर विजय पाने के लिए चंद्र ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप करें. यह मंत्र कम से कम एक माला जरूर जपें।
मंत्र: ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
Note: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि Samaydhara.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।
किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
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