Deepawali-2021-Lakshmi-Ganesha-pujan-shubh-muhurat-vidhi
नई दिल्ली:आज दिपावली है।पंचदीपों का पर्व दिपावली(Deepawali)का त्यौहार धनतेरस(Dhanteras)से शुरु हो चुका है।
दीयों की रोशनी,आतिशबाजी और रंग-बिरंगी रोशनी के प्रतीक पर्व दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन(Lakshmi-Ganesha-pujan)का विधान है।
मां लक्ष्मी को धन-दौलत और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है।
इसलिए दिवाली(diwali)पर लक्ष्मी पूजन,विघ्न-विनाशक गणेशजी(GaneshJi)और कुबेर जी की पूजा करके भक्तगण अपने जीवन में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते है।
मानव जीवन में धन का सर्वाधिक महत्व है।
इसलिए धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा दिपावली पर पूरे विधि-विधान से शुभ मुहूर्त में करके आप धन-दौलत और सुख-संपन्नता से समृद्ध हो सकते है।
चलिए अब आपको बताते है कि इस वर्ष 2021 दिवाली कब(Deepawali-2021-kab-hai) है?
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दिपावली 2021 कब है (Deepawali 2021 Date)
हिंदू पंचांगानुसार के मुताबिक दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू कैंलेडर के अनुसार इस साल कार्तिक अमावस्या 4 नवंबर 2021,गुरुवार,यानि आज को है।
इस दिन चंद्रमा का गोचर तुला राशि में होगा।
दिवाली 2021 का शुभ मुहूर्त (Diwali 2021 shubh muhurat)
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दिवाली का त्यौहार: 4 नवंबर, 2021, गुरुवार
अमावस्या तिथि का प्रारम्भ: 4 नवंबर 2021 को प्रात: 06:03 बजे से।
अमावस्या तिथि का समापन: 5 नवंबर 2021 को प्रात: 02:44 बजे तक।
लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त-(Lakshmi Pujan 2021 time shubh muhurat)
Deepawali-2021-kab-hai-diwali-puja-vidhi-Lakshmi-pujan-shubh-muhurat
4 नवंबर 2021, गुरुवार, शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात्रि 08 बजकर 20 मिनट
अवधि: 1 घंटे 55 मिनट
प्रदोष काल: 17:34:09 से 20:10:27 तक
वृषभ काल: 18:10:29 से 20:06:20 तक
दिवाली पर पूजा की विधि(Diwali-puja-vidhi)
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-रोशनी का पर्व दिवाली पर लक्ष्मी पूजन करने से पहले आप पूजा करने वाले स्थान को शुद्ध और पवित्र कर लें।
-फिर इसके बाद कलश को तिलक लगाकर स्थापित करें और कलश पूजन करें।
-इसके बाद हाथ में फूल, अक्षत और जल लेकर लक्ष्मी जी का ध्यान लगाएं।
-फिर इसके बाद सभी चीजों को कलश पर चढ़ा दें। इसके पश्चात श्रीगणेश जी और लक्ष्मी जी पर भी पुष्प और अक्षत अर्पित चढ़ाएं।
-इसके उपरांत लक्ष्मी जी और गणेशजी की प्रतिमा को थाली में रखकर दूध, दही, शहद, तुलसी और गंगाजल के मिश्रण से स्नान कराएं।
-इसके बाद में स्वच्छ जल से स्नान कराएं। इसके बाद लक्ष्मी जी और गणेशजी की मूर्ति को पुनः चौकी पर स्थापित करें।
-लक्ष्मी जी और गणेश जी को चंदन का तिलक लगाएं और पुष्प माला पहनाएं।
-खील-खिलौने, बताशे, मिष्ठान, फल, रुपये और स्वर्ण आभूषण रखें।
-इसके बाद गणेश जी और लक्ष्मी जी की कथा पढ़ें, आरती करें।
-पूजा समाप्त करने बाद प्रसाद वितरित करें। जरूरतमंद व्यक्तियों को दान दें।
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दिपावली का महत्व
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दीपों का पर्व दिवाली लक्ष्मी जी को समर्पित है। इस दिन लक्ष्मी जी की आरती, स्तुति आदि की जाती है।
मान्यता है कि ऐसा करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और धन से जुड़ी समस्याओं को दूर करती हैं।
दिवाली का पर्व लक्ष्मी जी की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना गया है। शुभ मुहूर्त और विधि पूर्वक पूजा करने से लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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