Dhanteras2021:19 साल बाद बन रहा है धनतेरस पर ये शुभ योग,इस मुहूर्त में करें खरीदारी

धनतेरस को धन त्रयोदशी भी कहते है। इस दिन धन के देवता कुबेर व धन्वंतरि(dhanvantari) की पूजा का विधान है।खासबात यह है कि पूरे 19 साल बाद धनतेरस पर त्रिपुष्कर नाम का शुभ योग निर्मित हो रहा है।

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धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त

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नई दिल्ली:पांच दिनों का पर्व दीपावली(Deepawali 2021 date) इस वर्ष 4 नवंबर,गुरुवार को है।

इस पंचपर्व की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है और भाई दूज तक यह पंचोत्सव दिपावली चलता है। इस साल धनतेरस 2021 (Dhanteras 2021 date)2 नवंबर,मंगलवार को है।

धनतेरस को धन त्रयोदशी भी कहते है। इस दिन धन के देवता कुबेर व धन्वंतरि(dhanvantari) की पूजा का विधान है।

खासबात यह है कि पूरे 19 साल बाद धनतेरस पर त्रिपुष्कर नाम का शुभ योग निर्मित हो रहा है।

धनतेरस(Dhanteras)पर शुभ योग में खरीदारी करने से आपके घर और व्यापार में बरकत,धन-धान्य और समृद्धि का आवागमन होता है।

इसलिए जरुरी है कि आप धनतेरस पर खरीदारी शुभ योग में(Dhanteras-2021-kharidari-ka-shubh-samay) करें। 

इस साल धनतरेस 2021 पर आप सुबह 8 बजे से रात 8.30 बजे तक खरीदारी कर सकते है। यह खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त है। 

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आपको बता दें कि हिन्दू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि(Trayodashi Tithi) को धन-त्रियोदशी या धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।

खरीदारी के लिए इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। इस दिन त्रिपुष्कर योग बनने से हर तरह का निवेश और खरीदारी की जा सकती है।

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इस दिन प्रदोष और हस्त नक्षत्र का योग बनने से वाहन, भूमि, भवन, आभूषण व वस्त्र की खरीदारी करना मंगलकारी रहेगा।

चलिए अब बताते है पंचोत्सव की सिलसिलेवार तिथि और शुभ मुहूर्त

धनतेरस: 2 नवंबर 

यूं तो धनतेरस का पूरा दिन शुभ होता है। इस बार धनतेरस के दिन सुबह 8 से 10 बजे के बीच खरीददारी के लिए बहुत शुभ समय है। इसमें स्थिर लग्न (वृश्चिक) उपस्थित रहेगा।

दूसरा शुभ मुहूर्त सुबर 10:40 से दोपहर 1:30 के बीच होगा। इस समय लाभ और अमृत के शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपस्थित रहेंगे।

दोपहर 1:50 से 3 बजे के बीच भी खरीददारी के लिए स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त होगा।

शाम 6:30 से रात 8:30 के बीच स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त रहेगा।

 

रूप चतुर्दशी: 3 नवंबर 
रूप चतुर्दशी पर चित्रा नक्षत्र दिनभर रहेगा। चंद्रमा और बुध दोनों इस नक्षत्र में रहेंगे और चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि होने से घर की सजावट और सुख-सुविधाओं की चीजों की खरीदारी कर सकते हैं।

 

दीपावली: 4 नवंबर 
दीपावली(Deepawali) पर सूर्योदय के साथ ही चतुर्ग्रही शुभ योग शुरू हो जाएगा, जो रातभर रहेगा।

ज्योतिषविदों के अनुसार प्रदोषकाल में माता लक्ष्मी(Laxami) के साथ गणपति(Ganpati), सरस्वती, कुबेर और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।

इस साल दिवाली पर एक ही राशि में चार ग्रहों की युति बनेगी, सूर्य, बुध, मंगल व चंद्र तुला राशि मे रहेंगे और गुरु व शनि मकर राशि में एक साथ होंगे। इस वजह से ये दिवाली अत्यंत शुभ रहेगी।

 

गोवर्धन पूजा: 5 नवंबर 
दीपावली के अगले दिन राजा बली पर भगवान विष्णु की विजय का उत्सव है। श्रीकृष्ण ने इसी दिन देवेंद्र के मानमर्दन के लिए गोवर्धन को धारण किया था।

 

भाईदूज : 6 नवंबर 

ज्योतिषविद बताते हैं कि इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर पर भोजन के लिए आमंत्रित किया था। यही वजह है कि आज भी इस दिन लोग अपने घर मध्याह्न का भोजन नहीं करते।

कल्याण और समृद्धि के लिए भाई को इस दिन अपनी बहन के घर में ही स्नेहवश भोजन करना चाहिए।

 

धनतरेस पर इस समय खरीदारी करने से बचें

ज्योतिषविदों के अनुसार, धनतेरस के दिन दोपहर 3 से 4:30 बजे के बीच राहुकाल रहेगा। इसलिए इस समय में खरीददारी करने से बचें।

 

धनतेरस पर खरीददारी के लिए ये है शुभ मुहूर्त –

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सुबह 8 से 10
सुबह 10:40 से दोपहर 1:30 बजे

दोपहर 1:50 से 3 बजे तक
शाम 6:30 से रात्रि 8:30 बजे।

 

धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त-Dhanteras 2021 puja Subh Muhurat

शाम 6:30 बजे से 8:30 बजे के बीच स्थिर लग्न(वृष) रहेगी और स्थिर लग्न में की गई पूजा का फल हमेशा स्थिर रहने वाला होता है।

धनतेरस को शाम 6:30 से 8:30 बजे के बीच पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त होगा।

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पूजा विधि
पूजास्थल में चावल या गेहूं की एक छोटी ढेरी बनाकर उस पर देसी घी का एक दिया जलाएं।

माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए तीन बार श्रीसूक्त का पाठ करें। मां लक्ष्मी सहित सभी देवी देताओं,जिसमें विशेष रुप से धन्वंतरि को भोग लगाएं।

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Varsa: वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।