Dhanteras 2023:धनतेरस की ये है सही तिथि,जानें पूजा विधि,इस शुभ मुहूर्त में खरीदारी से होगा धनलाभ

कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि इस साल 10 नवंबर को दिन में 12 बजकर 35 मिनट से आरंभ (Dhanteras 2023 Date)हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 11 नवंबर को दिन में 01 बजकर 57 मिनट पर होगा। चूंकि धनतेरस और लक्ष्मी पूजन(Dhanteras Puja)प्रदोषकाल में करना शुभ माना जाता है और यह तिथि 10 नवंबर को मिल रही है।

धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त खरीदारी का शुभ समय

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धनतेरस के दिन से ही दिवाली(Diwali 2023)का पांच दिवसीय पर्व शुरु हो जाता है।धनतेरस के दिन ही ‘धन्वंतरि’ भगवान का पृथ्वी पर आगमन समुद्र मंथन के दौरान हुआ था।

हिंदू पंचागानुसार,प्रतिवर्ष कार्तिक माह की त्रयोदशी तिथि को ‘धनतेरस’ मनाया जाता है।

इस वर्ष धनतेरस(Dhanteras)की तिथि को लेकर लोगों में खासा कंफ्यूजन है कि आखिर धनतेरस कब है(Dhanteras 2023 kab hai)10 नवंबर 2023, शुक्रवार या फिर 11 नवंबर 2023,शनिवार।

चलिए बताते है धनतेरस  2023 की सही तिथि।

चूंकि कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि इस साल 10 नवंबर को दिन में 12 बजकर 35 मिनट से आरंभ (Dhanteras 2023 Date)हो रही है।

इस तिथि का समापन अगले दिन 11 नवंबर को दिन में 01 बजकर 57 मिनट पर होगा।

चूंकि धनतेरस और लक्ष्मी पूजन(Dhanteras Puja)प्रदोषकाल में करना शुभ माना जाता है और यह तिथि 10 नवंबर को मिल रही है।

इसलिए धनतेरस इस वर्ष 10 नवंबर,शुक्रवार को मनाया(Dhanteras-2023-date-puja-shopping-shubh-muhurat-vidhi-Diwali-Dhanteras-pe-kharidari-ka-time)जाएगा।

शुक्रवार का दिन यूं भी माता लक्ष्मी को समर्पित होता है और दिवाली(Diwali 2023)का आरंभ ही धनतेरस से हो जाता है।

ऐसे में इस साल धनतेरस(Dhanteras-2023) शुक्रवार के दिन पड़ने से यह दिन धनलाभ और मां लक्ष्मी(Maa Lakshami)की कृपा प्राप्ति के लिए और भी लाभदायक हो गया है।

जो लोग धनतेरस का व्रत रखते है उन्हें भी धनतेरस 10 नवंबर (Dhanteras-2023 Date)को ही रखना चाहिए।चूंकि 10 को शाम तक प्रदोष काल है।

मान्यता है कि इस दिन ही भगवान धन्वंतरि पृथ्वी पर समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुए थे।

चलिए अब बताते है कि धनतरेस (Dhanteras 2022) की सटीक तिथि और शुभ मुहूर्त क्या(Dhanteras-2023-date-puja-shopping-shubh-muhurat-Diwali-Dhanteras-pe-kharidari-ka-time)है।

 

 

धनतेरस 2023 पूजा शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2023 Puja Shubh Muhurat)

धनतेरस के दिन धन और संपदा के देवता कुबेर और आरोग्य के देवता भगवान ध्नवंतरि की पूजा का विधान है।

इस दिन सोना, चांदी या नए बर्तन और मिट्टी के दिएं व लक्ष्मी-गणेश और कुबेर जी की मिट्टी या धातु की मूर्तियां खरीदना बेहद शुभ माना जाता(Dhanteras-2023-date-puja-shopping-shubh-muhurat-vidhi-Diwali-Dhanteras-pe-kharidari-ka-time)है।

माना जाता है कि धनतेरस के दिन जो भी खऱीदारी की जाती है। उसमें 13 गुना वृद्धि होती है।

 

कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि आरंभ – 10 नवंबर को दिन में 12 बजकर 35 मिनट से

कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त – 11 नवंबर को दिन में 01 बजकर 57 मिनट पर

 

प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगा।

वृषभ काल- शाम 05 बजकर 47 मिनट से 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।

 

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10 नवंबर 2023 को धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 47 मिनट से रात 07 बजकर 47 मिनट तक है। यानि धनतेरस पूजा और दीपदान की कुल अवधि दो घंटा है।

धनतेरस पर शॉपिंग का समय-Dhanteras-shopping-shubh-muhurat

 

अभिजीत मुहूर्त- 10 नवंबर को धनतेरस पर सुबह 11.43 बजे से 12:26 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा।

शुभ चौघड़िया- धनतेरस पर सुबह 11.59 बजे से दोपहर 01.22 बजे शुभ चौघड़िया होने के कारण अच्छा मुहूर्त है। 

चर चौघड़िया- फिर शाम 04.07 बजे से शाम 05.30 बजे तक चर चौघड़िया के कारण भी खरीदारी करने के लिए अबूझ मुहूर्त रहेगा।

 

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त-Diwali-Dhanteras-pe-kharidari-ka-time

धनतेरस पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इस साल 10 नवंबर को धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने का सबसे शुभ समय दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से 11 नवंबर 2023 की सुबह 6 बजकर 40 मिनट के बीच है।
इसके अलावा यदि आप इस समय खरीदारी से चूक जाते हैं, तो 11 नवंबर को सुबह 06 बजकर 40 मिनट से दोपहर 1 बजकर 57 मिनट के बीच सामान खरीद सकते हैं।
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धनतेरस 2023 की पूजा विधि-Dhanteras 2023 Puja Vidhi

  • धनतेरस के दिन शाम के वक्त यानी प्रदोष के दौरान काल शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि देव की प्रतिमा स्थापित करें।
  • साथ ही मां लक्ष्मी व गणेश जी की भी प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। फिर दीप प्रज्वलित करें और विधिवत पूजा शुरू करें।
  • सभी देवों को तिलक लगाएं। इसके बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें।
  • कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धन्वंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं।
  • पूजा के दौरान ‘ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः’ इस मंत्र का जाप करते रहें।
  • भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ जरूर करें

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धनतेरस का महत्व

धनतेरस को धनत्रयोदशी के रूप में भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान धनतेरस के दिन ही भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी(Lakshami)और भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे।

इसलिए इस दिन तीनों देवताओं की पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन खरीदारी करना भी शुभ माना जाता है।

 

धनतेरस पर दीपदान

धनतेरस के दिन यम के लिए आटे का चौमुखा दीपक बनाकर घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है। दीपक जलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर यम का पूजन किया जाता है।

मान्यता है इस दिन यम देवता की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। 

 

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धनतेरस पर ऐसे सजाएं घर का मुख्य द्वार

धनतेरस पर मुख्य द्वार में दोनों ओर स्वस्तिक का चिह्न जरूर लगाएं। धनतेरस से लेकर भैया दूज तक घर के मुख्य द्वार में वंदनवार लगाएं।

घर के मुख्य द्वार पर मां लक्ष्मी के प्रतीकात्मक चरण जरूर लगाएं. धनतेरस से दीपावली तक रोजाना मुख्य द्वार पर बाईं ओर घी का दीपक जलाएं।

 

 

 

 

Note: ऊपर दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। समयधारा इसकी पुष्टि नहीं करता। उपरोक्त लेख सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। 

 

 

 

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Varsa: वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।