लाइफस्टाइल

दोस्त उसे बनाओ जो दिल से ‘सच्चा’ हो, उसे नहीं जो दिखने में ‘अच्छा’ हो-सुविचार

किसी ने मुझसे कहा कि... तुम इतना *ख़ुश कैसे रह लेते हो? तो मैंने कहा कि.... मैंने जिंदगी की गाड़ी से... वो साइड ग्लास ही हटा दिये... जिसमेँ पीछे छूटते रास्ते और.. बुराई करते लोग नजर आते थे..

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dost us banao jo dil se saccha ho use nahi jo dikhne me accha ho

दोस्त उसे बनाओ

जो दिल से ‘सच्चा’ हो

उसे नहीं

जो  दिखने में ‘अच्छा’ हो

तलाश जिंदगी की थी
दूर तक निकल पड़े….

जिंदगी मिली नही
तज़ुर्बे बहुत मिले….

किसी ने मुझसे कहा कि…
तुम इतना *ख़ुश कैसे रह लेते हो?
तो मैंने कहा कि….
मैंने जिंदगी की गाड़ी से…
वो साइड ग्लास ही हटा दिये…
जिसमेँ पीछे छूटते रास्ते और..
बुराई करते लोग नजर आते थे..

“सदा मुस्कुराते रहिये”

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Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।