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नई दिल्ली:शारदीय(Shardiya)नवरात्रि(Navratri) में नौंवी नवरात्रि यानि महानवमी(Mahanavami)के बाद दशहरा(Dussehra)का पर्व मनाया जाता है।
बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा यानि विजयदशमी(Vijayadashami)का पर्व हिंदू धर्म में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है।
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार,दशहरा के दिन प्रभु श्रीराम ने बुराई के प्रतीक रावण का वध किया था,तभी से उनकी जीत के उपलक्ष्य में विजयदशमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाने लगा। दशहरा को ही विजयदशमी कहा जाता है।
प्रतिवर्ष देश में दशहरा के दिन रावण दहन का विधान है।
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ग्राउंड्स,सोसायटी और गली-मोहल्लो में रावण,कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले जलाकर संदेश दिया जाता है कि अहंकार, बुराई और अधर्म चाहे जितना बलिष्ठ हो,एक न एक दिन उसका समूल नाश होता है।
इसी सदैव सच्चाई,ईमानदारी और धर्म के रास्ते पर चलना चाहिए।यही श्रीराम का संदेश है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दशहरा या विजयदशमी वर्ष की तीन सबसे शुभ तिथियों में से एक है।
अन्य दो तिथियां चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा और कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा है।
इसके अतिरिक्त इस दिन मां दुर्गा ने भी महिषासुर का वध किया था।इसलिए इस दिन को विजयदशमी भी कहा जाता है।
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कब है दशहरा या विजयदशमी?-Dussehra-kab-hai-date-2021
आपको बता दें कि इस वर्ष दशहरा का त्यौहार 15 अक्टूबर 2021, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
विजयदशमी की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?-Vijayadashami-puja-shubh-muhurat
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विजय मुहूर्त: 15 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 38 मिनट से लेकर 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इस बीच आप कोई भी कार्य करके अपनी जीत सुनिश्चित कर सकते हैं।
अश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि शुरू – 14 अक्टूबर 2021 को शाम 6 बजकर 52 मिनट से
अश्विन मास शुक्ल पक्ष तिथि समाप्त – 15 अक्टूबर 2021 शाम 6 बजकर 2 मिनट पर
घर में दशहरा पूजा का शुभ मुहूर्त और रावण दहन का समय:
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घर में दशहरा पूजन 15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को अभिजित मुहूर्त 11:36 बजे से 12:24 बजे तक बहुत शुभ है, किन्तु इस मुहूर्त में 10:30 से 12:00 तक राहुकाल को त्यागना चाहिए।
इसके अतिरिक्त स्थिर लग्न अर्थात वृश्चिक लग्न प्रातः 8:53 बजे से आरंभ होकर 10:30 बजे तक रहेगा। इसमें भी दशहरा पूजन कर सकते हैं।
इसके पश्चात 14:57 बजे से 16:25 बजे तक स्थिर लग्न कुंभ लग्न में भी शुभ मुहूर्त है।
रावण दहन का शुभ समय 19:26 बजे से 21: 22 बजे तक श्रेष्ठ है। यह भी स्थिर लग्न वृषभ लग्न है।
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जानें क्या है दशहरा का महत्व-Dussehra Importance
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यह त्यौहार भगवान श्री राम(Sri Ram) की कहानी तो कहता ही है जिन्होंने लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण(Ravan) को मार गिराया और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त करवाया।
वहीं इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था इसलिए भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है और मां दुर्गा की पूजा(Ma Durga) भी की जाती है।
माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी मां दुर्गा की पूजा कर शक्ति का आह्वान किया था, भगवान श्री राम की परीक्षा लेते हुए पूजा के लिए रखे गये कमल के फूलों में से एक फूल को गायब कर दिया।