नवरात्रि स्पेशल डे-1 : अगर विपदाओं से पाना हो छुटकारा, माँ शैलपुत्री की शरण में आना

पहला नवरात्रा ,17 अक्टूबर 2020, माँ शैलपुत्री जी चोला (मैरुन). भोग (सफेद चीजें, या गांय के घी से बनी). यह सब करने से, सभी प्रकार के रोगो से मुक्ति मिल जाती है

अगर विपदाओं से पाना हो छुटकारा, माँ शैलपुत्री की शरण में आना

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नई दिल्ली,  (समयधारा) : नवरात्री के नौ दिन और माता के नौ रूप इन नौ रूपों के बारे में हम आपको रोज अवगत कराएँगे l

माँ के नौ दिन का अपना विशिष्ठ महत्व है..

कोई तिथि क्षय नहीं, पूरे नवरात्र

इस बार शारदीय नवरात्र 17 से 25 अक्टूबर के बीच रहेंगे हालाँकि नवरात्र के नौ दिनों में कोई तिथि क्षय तो नहीं होगी

लेकिन 25 तारिख को नवमी तिथि सुबह 7:41 पर ही समाप्त हो जाएगी। इसलिए नवमी और विजयदशमी (दशहरा) एक ही दिन होंगे।

नवरात्र: किसी तिथि का क्षय नहीं 
प्रतिपदा – 17 अक्टूबर 
द्वितीय – 18 अक्टूबर 
तृतीया  – 19 अक्टूबर 
चतुर्थी – 20 अक्टूबर 
पंचमी – 21 अक्टूबर 
षष्टी – 22 अक्टूबर 
सप्तमी – 23अक्टूबर 
अष्टमी – 24 अक्टूबर 
नवमी – 25 अक्टूबर
इन बातों का ध्यान रखें

शारदीय नवरात्र पर जौ बोएं। इससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है

कोरोना काल के कारण वातावरण शुद्ध करने के लिए पीली सरसो या हल्दी, सेंधा नमक और लोंग से अग्यारी करें।

इन नौ दिनों में आज पहला दिन माँ शैलपुत्री का है इसके बारे में विस्तृत जानकारी इस प्रकार है …l

1. पहला नवरात्रा ,17 अक्टूबर 2020, माँ शैलपुत्री जी

चोला (मैरुन). भोग (सफेद चीजें, या गांय के घी से बनी). यह सब करने से, सभी प्रकार के रोगो से मुक्ति मिल जाती हैl

शैलपुत्री ( पहला दिन )
नवरात्र के पहले दिन मां के रूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम ‘ शैलपुत्री ‘ पड़ा।
माता शैलपुत्री का स्वरुप अति दिव्य है। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और मां के बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है।
मां शैलपुत्री बैल पर सवारी करती हैं। मां को समस्त वन्य जीव-जंतुओं का रक्षक माना जाता है। इनकी आराधना से आपदाओं से मुक्ति मिलती है।

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Radha Kashyap: