शुक्रवार सुविचार : मुझे क्या-तुम्हे क्या-हमें क्या, और बस रिश्ते धीरे-धीरे खत्म…

"डर" मृत्यु को नही रोक सकता, ये जीवन को रोकता है - Friday Thoughts

शुक्रवार सुविचार : मुझे क्या-तुम्हे क्या-हमें क्या, और बस रिश्ते धीरे-धीरे खत्म... 

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मुझे क्या… 

तुम्हे क्या… हमें क्या…

और बस रिश्ते… धीरे-धीरे खत्म…. 

……. “डर”……
मृत्यु को नही रोक सकता,
ये जीवन को रोकता है !

जितने वाला ही नहीं बल्कि कहाँ पर क्या हारना है..!!

ये जानने वाला भी सिकन्दर होता है..!!

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सफलता के लिए आप का जवान होना जरूरी नहीं,

 बस आपकी सोच जवान रहनी चाहिए।

सुनना सीख लिया तो सहना भी सीख जाओगे,

सहना सीख लिया तो जीना भी सीख जाओगे।

तस्वीरों मे साथ खडे़ होने और

तकलीफों में साथ खड़े होने में,

जमीन आसमान का फर्क होता हैं।

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( इनपुट सोशल मीडिया से )

 

Dropadi Kanojiya: द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।