भूल कर भी न करें गणपति बाप्पा की स्थापना/पूजा के दौरान यह गलतियां…! नहीं तो..?

गणपति जी रुष्ट तो लक्ष्मी जी खफा,इसलिए बरतें गणपति स्थापना-पूजा आदि के दौरान यह सावधानियां

ganeshchaturthi special : भूल कर भी न करें गणेश की पूजा के दौरान यह गलतीयां...! नहीं तो..?

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नई दिल्ली (समयधारा):इस माह की 10 सितंबर को देशभर में गणेश उत्सव(Ganeshotsav)मनाया जा रहा है। इस दिन हर कोई भगवान गणेश की आवभगत में व्यस्त रहेगा।

हर कोई गणपति जी(Ganpati)को प्रसन्न करना चाहता है ताकि उनके घर के दुख दूर हों और गणपति जी की कृपा हमेशा उन पर बरसती रहे।

लेकिन क्या आप जानते हैं गणपति(Ganesh)की पूजा के वक्त बहुत सावधानियां बरती चाहिए।

आपकी एक छोटी सी गलती अर्थ का अनर्थ कर सकती है। ऐसा माना जाता है कि गणपति की पूजा में कुछ भी गलत नहीं होना चाहिए।

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यदि ऐसा होता है तो लक्ष्मी रूठ जाती है और आप गणपति जी को भी कष्ट पहुंचाते हैं।

चलिए जानते हैं गणपति की पूजा वे कौन सी गलतियां हैं जो लक्ष्मी‍ को घर में आने से रोकती हैं।

गणेश चतुर्थी(ganesh-chaturthi)के दिन यदि आपने गणपति जी की स्थापना घर में की है तो उस दिन चांद के दर्शन बिल्कुल ना करें।

इस बार 10 सितंबर को रात 9 बजकर 5 मिनट तक चांद को बिल्कुल भी ना देखें।

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कहते हैं ऐसा करने पर आपकी द्वारा की गई पूजा व्यर्थ हो जाती है और लक्ष्मी रूठ जाती है।

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गणपति बप्पा की पीठ के कभी भी दर्शन ना करें। चाहे कुछ भी हो जाएं उनकी पीठ को नहीं देखना चाहिए।

प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, गणपति बप्पा की पीठ पर दरिद्रता बसती है।

ये भी कहा जाता है जो भी गणपति बप्पा की पीठ के दर्शन कर लेता है उसके घर में भी दरिद्रता का वास हो जाता है।

ऐसा माना जाता है कि यदि आप जाने-अनजाने में गणपति जी की पीठ के दर्शन कर लेते हैं,

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तो आपको उनसे क्षमा याचना मांगनी चाहिए और लक्ष्मी जी को भी मनाना चाहिए।

ऐसा माना जाता है कि एक ही घर में दो भगवानों की दो प्रतिमा होना शुभ नहीं है।

यदि आप घर में गणपति जी की स्थापना की योजना बना रहे हैं तो गणपति जी की पुरानी प्रतिमा को पहले विर्सजित करके आ जाएं।

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यदि आप ऐसा नहीं करते तो लक्ष्मी जी के घर में आगमन होने में बाधा होती है

क्या आप जानते हैं गणपति जी की प्रतिमा लेते समय सबसे पहले गणपति जी की सूंढ देखी जाती है कि किस तरफ है।

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जी हां, यदि आप बाई तरफ की सूंढ वाली प्रतिमा लेते हैं तो आपके घर में लक्ष्मी का प्रवेश धीमा होता है।

लेकिन दाईं सूंढ वाली प्रतिमा को सबसे अच्छा माना जाता है।

यदि आप दाई सूंढ वाली प्रतिमा को घर में लाएंगे तो लक्ष्मी जी(Laxami) का आगमन घर में शीघ्र होने लगता है।

यदि आप गणपति जी की स्थापना घर में कर रहे हैं तो आपको गणपति जी की प्रतिमा और पूजा साम्रगी से तुलसी को दूर रखना चाहिए।

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दरअसल, तुलसी और गणपति जी को लेकर प्राचीन ग्रंथों में कहावत है कि तुलसी गणेश जी से विवाह करने की इच्छुक थी,

ऐसा ना होने पर तुलसी ने गणेश जी को श्राप दे दिया था कि तुम्हारी दो शादियां होंगी तो ऐसे में गणपति जी ने तुलसी को असुर से शादी का श्राप दिया था।

ऐसा माना जाता है कि गणपति जी के सामने तुलसी(Tulsi)आने से वे रूष्ट हो जाते हैं और गणपति जी रूष्ट हुए तो लक्ष्मी भी ऐसे घर से नाता तोड़ लेती हैं।

 

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Radha Kashyap: