करवा चौथ चांद निकलने का समय, करवा चौथ पूजा विधि
Karwa-Chauth-2023-Vrat-Puja-Shubh-Muhurat-Vidhi-Chand-Nikalne-ka-samay
हिंदू महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और अपने दांपत्य जीवन में आगाढ़ प्रेम की कामना लिए प्रत्येक वर्ष करवा चौथ(Karwa Chauth)का व्रत रखती है।
करवा चौथ व्रत का हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के बीच सर्वाधिक महत्व है।
यूं तो हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के अनेकों व्रत और तीज-त्यौहार है लेकिन आधुनिक जीवन भी में जितना महत्व सुहागिनों के बीच करवाचौथ व्रत का है उतना शायद ही किसी व्रत का हो।
बदलते वक्त के साथ करवा चौथ व्रत (karwa-chauth-vrat) को अब सिर्फ हिंदू सुहागिन महिलाएं ही नहीं बल्कि कहीं-कहीं कुंवारी लड़कियां भी सगाई के बाद या फिर योग्य वर पाने के लिए धारण करती है।
इतना ही नहीं, आज के समय में तो कई पुरुष भी अपनी पत्नी की लंबी उम्र और ताउम्र साथ के लिए करवा चौथ का व्रत रखते है।
करवा चौथ हिंदू पंचागानुसार,कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत, 1 नवंबर 2023(Karwa-Chauth-2023) बुधवार को मनाया जा रहा है।
पति-पत्नी के बीच अथाह प्यार,समर्पण का प्रतीक करवा चौथ(Karwa Chauth)धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ पूरा दिन निर्जला व्रत रखती है और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पति के हाथों जलपान करके ही खोला जाता(Karwa-Chauth-2023-Vrat-Puja-Shubh-Muhurat-Vidhi-Chand-Nikalne-ka-samay)है।
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं न सिर्फ सोलह,श्रृंगार करती है। बल्कि अपनी सास द्वारा दी गई सरगी खाकर इस व्रत को सूर्य निकलने से पूर्व धारण करती है।
करवा चौथ पर जिन महिलाओं की सास नहीं होती,उन्हें सरगी उनके पति देते है या फिर वह स्वंय खरीदकर खा लेती है।
तो चलिए अब आपको बताते है कि इस वर्ष करवा चौथ 2023 व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और अगर आप पहली बार व्रत रखने जा रही है तो इसकी विधि भी जान लें।
साथ ही आपके शहर में करवा चौथ का चांद निकलने का क्या समय(Karwa-Chauth-2023-Vrat-Puja-Shubh-Muhurat-Vidhi-Chand-Nikalne-ka-samay)है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 09 बजकर 30 मिनट से आरंभ हो जाएगी।
01 नवंबर को रात 09 बजकर 19 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी।
उदया तिथि के मुताबिक देशभर में सुहागिन महिलाएं करवा चौथ व्रत का त्यौहार 01 नवंबर 2023,बुधवार को मनाएंगी।
पूजा शुभ मुहूर्त- शाम 05:34 मिनट से 06: 40 मिनट तक
पूजा की अवधि- 1 घंटा 6 मिनट
अमृत काल- शाम 07:34 मिनट से 09: 13 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन और रात
चंद्रोदय का समय (दिल्ली) : 01 नवंबर 2023 की रात 08 बजकर 15 मिनट पर
करवा चौथ पूजा सामग्री
1.करवा 2. पूजा की थाली 3. छलनी 4. करवा माता का फोटो 5. सींक 6.जल 7. मिठाई 8.सुहाग की सभी चीजें 9.फूल- माला 10. दीपक 11.रोली 12.सिंदूर 13.मेहंदी 14. कलावा 15. चंदन 16. हल्दी 17. अगरबत्ती 18. नारियल 19. अक्षत 20. घी
करवा चौथ पूजा विधि-Karwa-chauth-2021-puja-vidhi
-सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें।
-इसके बाद सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें, पानी पीएं और गणेश जी की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें।
-इसके बाद शाम तक न तो कुछ खाना और नाहीं पीना है।
-पूजा के लिए शाम के समय एक चौकी पर करवा मां की मूर्ति या कैलेंडर और मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करके करवा रख लें।
-इसके लिए चांद निकलने से कम से कम एक घंटा पहले ही पूजा शुरू कर दें।
-वहीं पूजा की थाली में दीपक, रोली, सिंदूर,धूप आदि रख लें।
-पूजा करने के बाद करवा चौथ व्रत की कथा सुनें।
-चांद निकलने पर उसे अर्ध्य दें। पति का मुंह छलनी से देखें और उनके हाथ से पानी पीकर व्रत खोलें।
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सनातन धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व होता है। सुहागिन महिलाएं पूरे साल इस महापर्व का बेसब्री से इंतजार करती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए करवा माता, भगवान शिव(Shiv) और माता पार्वती(Parvati) की विधिवत रूप से पूजा-आराधना और कथा सुनती हैं।
फिर करवा चौथ की शाम को चांद के निकलने का इंतजार करती हैं और चांद के दर्शन करते हुए अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ व्रत की पौराणिक मान्यताएं भी है। जिससे अनुसार पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत की परंपरा सतयुग से चली आ रही है। इसकी शुरुआत सावित्री के पतिव्रता धर्म से हुई।
जब यम आए तो सावित्री ने अपने पति को ले जाने से रोक दिया और अपनी दृढ़ प्रतिज्ञा से पति को फिर से पा लिया। तब से पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत किये जाने लगा।
वहीं एक दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत में वनवास काल में अर्जुन तपस्या करने नीलगिरि के पर्वत पर चले गए थे तब द्रोपदी ने अर्जुन की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण से मदद मांगी।
उन्होंने द्रौपदी को वैसा ही उपवास रखने को कहा जैसा माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। द्रौपदी ने ऐसा ही किया और कुछ ही समय के बाद अर्जुन वापस सुरक्षित लौट आए।
दिल्ली को आधार मानते हुए 01 नवंबर 2023 को चांद रात के 08 बजकर 15 मिनट पर दिखाई देगा। देश के अलग-अलग हिस्सों में चांद के निकलने में थोड़ा अंतर हो सकता है।
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