Lohri-2024-kab-hai-kya-hai-puja-ka-shubh-muhurat-vidhi
खुशियों का त्यौहार लोहड़ी (Lohri)सिर्फ पंजाब में ही नहीं बल्कि देशभर में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। पिछले साल की ही तरह इस वर्ष भी लोगों के बीच लोहड़ी की सही तिथि को लेकर कंफ्यूजन बरकार है।
भारत में कुछ लोग लोहड़ी 13 जनवरी 2024(Lohri-2024-date-in-India) ही बता रहे है तो कुछ लोग लोहड़ी 14 जनवरी 2024 को मना रहे है।
ऐसे में ज्यादातर लोगों के बीच कंफ्यूजन है कि आखिर इस वर्ष लोहड़ी कब(Lohri-2023 kab hai) है? पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और विधि व महत्व क्या(Lohri-2024-kab-hai-kya-hai-puja-ka-shubh-muhurat-vidhi-importance)है।
तो चलिए आज आपको बताते है कि लोहड़ी की सही तिथि क्या(Lohri-2024-date-in-India-Lohri-2024-kab-hai)है।
लोहड़ी का त्यौहार फसल कटाई और नई फसल की बुवाई के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है।
यही कारण है कि लोहड़ी एक ऐसा त्यौहार है जोकि किसानों के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। लोहड़ी का पर्व ऋतु परिवर्तन के रूप में भी देखा जाता है।
पंजाब में किसानों के लिए लोहड़ी को नए वित्तीय वर्ष के रूप में देखा जाता है।
लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व मनाया जाता है। सभी को इस पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है, लेकिन इस साल लोहड़ी की डेट को लेकर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति है।
कुछ लोग लोहड़ी के लिए 13 जनवरी तो कई लोग 14 जनवरी की तारीख बता रहे हैं।
तो चलिए अब बताते है कि लोहड़ी 2024 की सही तारीख क्या है और पूजा का शुभ मुहूर्त व विधि क्या(Lohri-2024-kab-hai-kya-hai-puja-ka-shubh-muhurat-vidhi)है।
कब है लोहड़ी 13 या 14 जनवरी?- Lohri 2024 Kab Hai
इस साल लोहड़ी का त्यौहार रविवार 14 जनवरी 2024(Lohri-2024-date-in-India)को है। वहीं 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति(Makar Sankranti 2023) का त्योहार मनाया जाएगा।
चूंकि लोहड़ी मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व होती है. इस कारण लोहड़ी 14 जनवरी,रविवार को मनाई(Lohri-2024-kab-hai-kya-hai-puja-ka-shubh-muhurat-vidhi)जाएगी।
इस साल सूर्यदेव दिनांक 15 जनवरी,सोमवार को सुबह 02 बजकर 43 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं।
इसलिए इसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी।
लोहड़ी का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 34 मिनट से लेकर इसका समापन रात 08 बजकर 12 मिनट पर होगा।
लोहड़ी की पूजा का शुभ मुहूर्त- Lohri 2024 puja Shubh-Muhurat
रविवार, लोहड़ी 14 जनवरी 2024
- प्रदोष काल में लोहड़ी का शुभ मुहूर्त – शाम 05 बजकर 34 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
- शुभ मुहूर्त की अवधि – 2 घंटे 38 मिनट की होगी।
- संक्राति क्षण – शाम 07 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
मान्यता है कि लोहड़ी के बाद से रात छोटी और दिन बड़ा हो जाता है. यानी ठंड धीरे-धीरे कम होने लगती है।
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लोहड़ी पूजा विधि- Lohri Puja Vidhi
-लोहड़ी की पूजा पवित्र अग्नि के पास की जाती है।
-लोग घर के बाहर या किसी खुली जगह पर लोहड़ी की पवित्र अग्नि को जलाते हैं और इसमें मूंगफली, गजक, रेवड़ी, तिल, आदि डालकर इसकी परिक्रमा करते हैं।
-लोहड़ी में नए फसलों की भी पूजा की जाती है और अग्नि में नई फसल को अर्पित किया जाता है। इसके बाद सभी सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
-कई लोग हर्षोल्लास के साथ ढोल बजाते हैं और एक-दूसरे को लोहड़ी की बधाइयां भी देते हैं।
दुल्ला भट्टी की कहानी (Dulla Bhatti Story in Hindi)
लोहड़ी के पर्व पर दुल्ला भट्टी की कहानी विशेष रूप से प्रचलित है। ऐसा माना जाता हबै कि अकबर के शासन के दौरान दुल्ला भट्टी पंजाब में ही रहता था।
कथाओं के अनुसार जब संदल बार में लड़कियों को अमीन सौदागरों को बेचा जा रहा था, तब दुल्ला भट्टी ने पंजाब की लड़कियों की रक्षा की थी।
इसके बाद लड़कियों को सौदागरों से छुड़वा कर हिंदू लड़कों से शादी करवाई थी। तभी से दुल्ला भट्टी की कहानी हर साल लोहड़ी पर सुनाई जाती है।
और ढोल-नगाड़ों के साथ गिद्दा गाते हुए दुल्ला भट्टी की बहादुरी के गाने गाएं जाते है।
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Disclaimer: यह पोस्ट केवल मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि samaydhara.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।
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