#Mahashivratri: आज है महाशिवरात्रि,इस खास मुहूर्त में पूजा से प्रसन्न होंगे भोलेनाथ

साल 2019 में महाशिवरात्रि 4 मार्च को मनाई जा रही है। महाशिवरात्रि से जुड़ी दो मान्यताएं है...

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नई दिल्ली,4 मार्च : #Mahashivratri 2019 vrat puja muhurat-  आज महाशिवरात्रि का त्यौहार है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का खासा महत्व है। इसे विवाहित,कुंवारी,स्त्री-पुरुष सभी मनाते है।

साल 2019 में महाशिवरात्रि 4 मार्च को मनाई जा रही है। महाशिवरात्रि से जुड़ी दो मान्यताएं है।

पहली, इसी दिन सृष्टि का सृजन हुआ था और दूसरी सबसे लोकप्रिय मान्यता है कि

इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था। 

यूं तो शिवरात्रि प्रति माह की कृष्णपक्ष चतुर्दशी को मनाई जाती है

लेकिन फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को पड़ने वाली महाशिवरात्रि की विशेष मान्यता है क्योंकि शिव-पार्वती परिणय सूत्र में इसी दिन बंधे थे।

इस दिन मंदिरों के आगे शिव भक्तों की लंबी-लंबी कतारे लगती है

और भगवान शंकर और माता पार्वती की असीम कृपा पाने के लिए भक्तजन पूजा-अर्चना व व्रत करते है।

कहा जाता है कि महाशिवरात्रि पर अगर जल चढ़ाया जाए और पूरे विधि-विधान से पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

महाशिवरात्रि की पूजा खासतौर पर विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां करती है

ताकि उन्हें मनचाहा वर प्राप्त हो सकें और विवाह में आने वाली अड़चनें दूर हो।

Mahashivratri,महाशिवरात्रि के दिन किए जाने वाले उपाय
Mahashivratri,महाशिवरात्रि के दिन किए जाने वाले उपाय

ये है 2019 की महाशिवरात्रि पूजन का शुभ मुहूर्त- #Mahashivratri 2019 vrat puja muhurat

इस बार महाशिवरात्रि का त्यौहार 4 मार्च  2019 दिन सोमवार को हर्षोउल्लास से मनाया जाएगी ।

शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त (#Mahashivratri Shubh Muhurat)

शुभ मुहूर्त शुरू – शाम 04:28, 4 मार्च 2019

शुभ मुहूर्त समाप्त – 07:07, 5 मार्च 2019

महाशिवरात्रि  (#Mahashivratri) के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना एक से चार बार की जाएगी।

शिवभक्त अपनी इच्छानुसार शंकर भगवान की पूजा कर सकते है।

रात के प्रथम पहर में पूजा का समय :  शाम 06:22 से रात 09:28 तक

रात के दूसरे प्रहर में पूजा का समय : रात 09:28 से 12:35 तक

तीसरे प्रहर में पूजा का समय = रात 12:35 से 03:41तक

चौथे प्रहर में पूजा का समय =  रात 03:41 से अगले दिन सुबह 06:48 तक 

इस महाशिवरात्रि को अपनाए ये उपाय, शत प्रतिशत शादी की गारंटी

इस विधि से करें महाशिवरात्रि की पूजा- #Mahashivratri 2019 vrat puja muhurat

भक्तजन महाशिवरात्रि को प्रात: जल्दी उठकर नहा लें और फिर मंदिर जाकर भगवान शिव

और माता पार्वती की पूजा करें। दर्शन हेतु यह प्रक्रिया दोपहर तक चलती रहती है

और दिन तक भी भक्तजन पूजा करते है। इसके बाद मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते है।

फिर शाम को दोबारा दर्शन हेतु मंदिर के द्वार खोले जाते है।

इस अवसर पर भक्तजन भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी बैल, गणेश और कार्तिक जी की मूर्तियों की पूजा करते है।

शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाया जाता है, जिसे दूध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, चीनी

और पानी आदि से मिलाकर तैयार किया जाता है और उसी से शंकर जी का अभिषेक करते है।

फिर शिवलिंग पर बेलपत्र,बेर और धतूरा चढ़ाया जाता है।

ज्यादातर भक्तजन महाशिवरात्रि पर व्रत भी रखते है और व्रत में पूरा दिन अन्न नहीं खाते।

वैसे कुछ भक्तजन एक विधि के अंतर्गत पूजा से पहले शाम में भोजन खा लेते है।

महाशिवरात्रि का व्रत रखने से ये मनोकामनाएं होती है पूर्ण (#benefits-of-Mahashivratri-puja)

1.इस व्रत को कोई भी रख सकता है लेकिन अगर कुंवारी लड़कियां ये व्रत रखती है

तो उन्हें सुयोग्य वर जल्दी मिलता है और जिनकी शादी में अड़चन आ रही होती है वो दूर हो जाती है और जल्दी शादी होती है।

2.शादीशुदा महिलाएं ये व्रत रखती है तो उनके पति का स्वास्थ्य बना रहता है और जीवन उन्नत बनता,

आपस में प्रेम और सामंजस्य बनता है। अर्थात अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है।

3.नि:संतान दंपत्ति अगर ये व्रत रखते है तो उन्हें संतान प्राप्ति होती है

4.जिन लोगों के जीवन में दरिद्रता ने घर कर लिया है। उन्हें ये व्रत करने से धन-धान्य,यश-कीर्ति,

सुख-समृद्धि, वैभव और ऐश्वर्य प्राप्त होता है। शरीर को आरोग्य वरदान प्राप्त होता है।

5.आपके जीवन के शत्रुओं का सफाया होता है। किसी ने भूत-प्रेत बाधा की हो तो चमत्कारी रूप से उससे रक्षा हो जाती है।

6.व्रत रखने पर भगवान शिव परिवार की ओर से करियर और नौकरी में मनचाही सफलता मिलती है

और आत्मविश्वास व पराक्रम में दोगुनी वृद्धि होती है।

Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।