लाइफस्टाइल

न हो कंफ्यूज..! लो जान लो महाशिवरात्रि का दिन-पूजा का शुभ मुहूर्त-पूजन विधि

Mahashivratri 2023 Date को लेकर लोग बेहद ही असमंजस में है, कुछ लोग 18 फरवरी की महाशिवरात्रि बता रहे हैं तो कुछ 19 फरवरी को...जान लेते है किस दिन शिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा

Share

Mahashivratri-2023-vrat-puja-shubh-muhurat-pujavidhi

नयी दिल्ली (समयधारा) : हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का विशेष महत्व है। 

अगर आप भी जानना चाहते कि इस वर्ष महाशिवरात्रि कब (Mahashivratri-kab-hai) है, तो आज हम आपको इसकी जानकारी देने जा रहे है।

Mahashivratri 2023 Date को लेकर लोग बेहद ही असमंजस में है,

कुछ लोग 18 फरवरी की महाशिवरात्रि बता रहे हैं तो कुछ 19 फरवरी को…जान लेते है किस दिन शिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा l

इस वर्ष यानी 2023 में महाशिवरात्रि – 18 फरवरी रात 08:02 बजे से – 19 फरवरी, शाम 04:18 बजे तक होगी l

गौरतलब है कि  वर्ष में 12-13 शिवरात्रि तिथियां आती है, इनमें महाशिवरात्रि ही सर्वाधिक प्रमुख है।

हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रतिवर्ष फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। 

इस साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ: 18 फरवरी  रात 08:02 बजे से होगा वही फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी ति​थि की समाप्ति: 19 फरवरी, शाम 04:18 बजे पर होगी l 

महाशिवरात्रि का व्रत विशेष रूप से भगवान शिव (Lord Shiv) और माता पार्वती (Parvati) को समर्पित है।

इस दिन शिवजी की पूजा-अर्चना विधिवत की जाती है और व्रत रखकर भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता,ताकि सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो और मनचाहा वर प्राप्त हो सकें।

Mahashivratri-2023-vrat-puja-shubh-muhurat-pujavidhi

आपको बता दें कि शिवरात्रि (Shivratri)शब्द दो शब्दों, शिव और रात्रि का समामेलन है, जहां शिव का अर्थ है ‘भगवान शिव’ और रात्रि का अर्थ है रात

इस तरह शिवरात्रि का मतलब होता है भगवान शिव की रात। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा-आराधना करते हैं एवं उन्हें प्रसन्न करने के लिए विभिन्न धार्मिक कार्य करते हैं।

चलिए अब आपको बताते है इस साल महाशिवरात्रि कब है,क्या है व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि:

Mahashivratri-2023-vrat-puja-shubh-muhurat-pujavidhi

इस वर्ष 2023 में महाशिवरात्रि – 18 फरवरी रात 08:02 बजे से – 19 फरवरी, शाम 04:18 बजे तक होगी l

महाशिवरात्रि 2023 की तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त (Mahashivratri-2023-date-vrat-puja-shubh-muhurat)

चार शुभ पहरों में है महाशिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त जो इस प्रकार है:

  1. प्रथम पहर पूजा- 18 फरवरी को शाम 06:41 बजे से रात 09:47 बजे तक
  2. द्वितीय पहर पूजा- 18 फरवरी को रात 09:47 बजे से रात 12:53 बजे तक
  3. तृतीय पहर पूजा- 19 फरवरी को रात 12:53 बजे से 03:58 बजे तक
  4. चतुर्थ पहर पूजा- 19 फरवरी को 03:58 बजे से सुबह 07:06 बजे तक

महा शिवरात्रि की पूजा विधि (Mahashivratri Puja Vidhi)

-महाशिवरात्रि का व्रत करने वालों को त्रयोदशी तिथि से ही व्रत का पालन करना चाहिए।

-इस व्रत के एक दिन पहले से ही तामसिक भोजन का त्याग करें।

-यह व्रत चतुर्दशी के दिन शुरू होता है इसलिए इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्त होकर साफ़ वस्त्र धारण करें।

-वैसे तो इस दिन मंदिर जाकर पूजन करना विशेष फलदायी होता है, लेकिन यदि आप नहीं जा पाते हैं तब भी घर पर ही पूजन करें।

-व्रत चतुर्दशी के दिन से शुरू होता है जिसमें पूरे दिन का उपवास रखा जाता है।

-इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना विशेष फलदायी होता है और शिव जी का पूजन किया जाता है।

-हिंदू शास्त्रों के अनुसार, चतुर्दशी पर रात्रि के दौरान चार बार महा शिवरात्रि पूजा की जाती है।

-इन चार समयों को चार पहर के रूप में भी जाना जाता है और इन पहरों के दौरान पूजा करने से व्यक्ति अपने पिछले पापों से मुक्त हो जाता है।

-शिवरात्रि तिथि के दौरान शिव पूजन को रात्रि के दौरान करना अनिवार्य माना जाता है।

-अगले दिन चतुर्दशी तिथि समाप्त होने से पहले सूर्योदय के बाद इस व्रत का पारण किया जाता है।

-इस दिन आप रुद्राभिषेक भी करा सकते हैं और शिव चालीसा का पाठ जरूर करें।

भगवान शिव-शंकर की पूजा इस विशेष तरीके से करें

Mahashivratri-2023-vrat-puja-shubh-muhurat-pujavidhi

 

-महा शिवरात्रि के दिन मंदिर जाना अच्छा माना जाता है। यदि आप मंदिर जा सकते हैं तो दूध, फल, बेलपत्र, धतूरा आदि शिवलिंग पर चढ़ाएं।

-बेलपत्र चढ़ाते हुए यह ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी बेल पत्र खंडित नहीं होना चाहिए, हो सके तो बेलपत्र पर चन्दन से ॐ नमः शिवाय या सिर्फ ॐ लिख कर चढ़ाएं।

-यदि ऐसा संभव न हो तो घर में भगवान शिव और माता पार्वती को अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा और फल चढ़ा कर पूजा करें और अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।

-इस दिन आप ॐ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप फलदायी होता है।

-इस प्रकार महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का पूजन और ध्यान सच्चे मन से करना चाहिए और व्रत का पालन करना चाहिए जिसे उनकी कृपा सदैव बनी रहे।

Mahashivratri-2023-vrat-puja-shubh-muhurat-vidhi:

महाशिवरात्रि का महत्व

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन व्रत करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

इसी वजह से महा शिवरात्रि के दिन व्रत रखने का रीति काफी लंबे समय से चली आ रही है। मान्यात है कि कुंवारी लड़कियां यदि शिवरात्रि के दिन शिव पूजन करती हैं तो उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

इस दिन भगवान शिव को दूध और बेलपत्र (शिवलिंग पर ऐसे चढ़ाएं बेलपत्र)चढ़ाना मुख्य रूप से फलदायी माना जाता है। कुछ लोग इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी करते हैं।

ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक कराने से घर में सुख संपत्ति आती है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियों और बाधाओं से छुटकारा मिलता है।

इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान शिव का पूजन माता पार्वती समेत करता है उसे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।

नोट:अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। उपरोक्त जानकारी सामान्य प्रचलित मान्यताओं के आधार पर लिखी गई है।

इनकी प्रमाणिकता की पुष्टि समयधारा नहीं करता लेकिन अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगें तो इसे शेयर जरुर करें और इसी प्रकार की ज्ञानवर्धक जानकारी को पढ़ने के लिए जुड़े रहें समयधारा के साथ।

आप हमें फेसबुक और ट्विवटर पर भी फॉलो और लाइक कर सकते है।

Mahashivratri-2023-vrat-puja-shubh-muhurat-pujavidhi

Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।