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Mohini Ekadashi 2022:मोहिनी एकादशी आज शाम से शुरू,जानें व्रत का पारण समय,नियम और कथा

मोहिनी एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त 13 मई को सुबह 7 बजकर 59 मिनट तक है।

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एकादशी(Ekadashi)का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। महीने में दो एकादशी मुख्यतौर पर पड़ती है-एक अमावस्या(Amavasya)के बाद और दूसरी पूर्णिमा(Purnima)के बाद।

मोहिनी एकादशी(Mohini Ekadashi)को वैशाख शुक्ल पक्ष एकादशी भी कहा जाता है। पंंचागानुसार,इस वर्ष मोहिनी एकादशी 12 मई 2022 गुरुवार को पड़ रही है।

लेकिन मोहिनी एकादशी तिथि का आरंभ आज,बुधवार,11 मई शाम 7:31 बजे से हो रहा(Mohini-Ekadashi-2022-today-start-and-ends-time-know-mohini-ekadashi-vrat-parna-time-rules-katha)है।

हिंदू धर्म पुराणों के अनुसार मोहिनी एकादशी व्रत (Mohini Ekadashi Vrat) धारण करने से मनुष्य को सभी पापों,दुखों और कष्टों से छुटकारा मिलता है।

 

 

मोहिनी एकादशी तिथि शुरु और समाप्त होने का समय (Mohini Ekadashi 2022-today-start-and-ends-time)

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पंचांग के मुताबिक मोहिनी एकादशी 12 मई 2022 को पड़ रही है।

एकादशी तिथि की शुरुआत (Mohini Ekadashi 2022 start time)-11 मई को शाम 7 बजकर 31 मिनट से हो रही है।

एकादशी तिथि का समापन((Mohini Ekadashi 2022 Ends time)-12 मई को शाम 6 बजकर 51 मिनट पर होगा।

 

मोहिनी एकादशी 2021

 

 

मोहिनी एकादशी पारण (Mohini Ekadashi Parana 2022)

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मान्यतानुसार मोहिनी एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है।

ऐसे में जो लोग 12 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत रखेंगे, वे 13 मई को पारण कर सकते हैं।

मोहिनी एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त 13 मई को सुबह 7 बजकर 59 मिनट तक है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, मोहिनी एकादशी व्रत के महत्व (Mohini Ekadashi Vrat Mahatva)के बारे में गुरू वशिष्ठ ने प्रभु श्रीराम को बताया था।

चलिए बताते है मोहिनी एकादशी व्रत के बारें में में सबकुछ-

मोहिनी एकादशी 2022

मोहिनी एकादशी व्रत के नियम (Mohini Ekadashi Vrat Rules) 

धार्मिक मान्यतानुसार, मोहिनी एकादशी व्रत का कठोरता से पालन किया जाता है। इस दिन व्रत रखने वाले भक्त अन्न ग्रहण नहीं करते हैं।

साथ ही जो लोग व्रत नहीं रखते हैं, वो इस दिन चावल का सेवन नहीं करते हैं, क्योंकि एकादशी के दिन चावल का सेवन निषेध माना गया है।

एकादशी व्रत के पारण का भी खास महत्व है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है।

 

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मोहिनी एकादशी व्रत की कथा (Mohini Ekadashi Vrat Katha)

कहा जाता है कि एक बार युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से मोहिनी एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताने के लिए कहा. तब भगवान श्रीकृष्ण ने बताया कि मोहिनी एकादशी का व्रत वैशाख शुक्ल की एकादशी के दिन रखा जाता है।

मोहिनी एकादशी व्रत की कथा कुछ इस प्रकार है- पौराणिक मन्यतानुसार, समुद्र मंथन के समय अमृत कलश को प्राप्त करने के लिए देवताओं को दानवों के बीच विवाद खड़ा हो गया।

दरअसल दोनों ही अमृत पीकर अमर हो जाना चाहते थे। अमृत कलश का विवाद जब युद्ध का रूप लेने लगा तो भगवान विष्णु ने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया।

भगवान विष्णु के मोहिनी रूप को देखकर असुर मोहित हो उठे। इस बीच देवताओं ने अमृत पी लिया. जिससे वे अमर हो गए।

माना जाता है कि भगवान विष्णु(God Vishnu) ने जिस दिन मोहिनी रूप धारण किया था, वह दिन वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी।

इसलिए इस दिन मोहिनी एकादशी मनाई जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती है।

 

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Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।