navratri-special know-how-to-worship-kanya importance-of-nine-colors
नयी दिल्ली (समयधारा) : इस साल नवरात्रि की शुरुआत व घटस्थापना (navratri/ghtsthapna) रविवार 15 अक्टूबर को हैl
जो सोमवार 23 अक्टूबर को समाप्त होगी, वही दशहरा 24 को हैl चलिए अब आपको #नवरात्रि (#navratri) से संबंधीत विशेष जानकारी दे देते हैl
- घटस्थापना दि.15 अक्टूबर – घटस्थापना मुहूर्त 11:44am से 12:30pm (0.46 मिनट)
- सप्तत्रोत्सव 17 अक्टूबर से
- पंचरात्रउत्सव 19 अक्टूबर से
- त्रिरात्रिउत्सव 21 अक्टूबर से
जानिये नवरात्रि के 9 रंग(Color) और उनके महत्व के बारें में
- 22 अक्टूबर को रात्रि महोत्सव
- ललिता पंचमी 19 अक्टूबर
- 22 अक्टूबर को महाअष्टमी व्रत
- 23 अक्टूबर को महानवमी व्रत/ 23 अक्टूबर को नवरात्रि है l
नवरात्रि के 4 मुख्य भाग हैं l 1) देव स्थापना 2) मालाबंधन 3) अखण्ड नंदादीप 4) कुमारिका पूजन.
- नवरात्रि के दौरान जिस देवी की पूजा की जाती है, उसकी पूजा करते समय, उस देवी के पाट पर थोड़ा सा पानी छिड़कना चाहिए और हर दिन हार-फूल बदलना चाहिए, लेकिन अन्य देवी-देवताओं की पूजा हमेशा की तरह ही जरुर करनी चाहिए। लेकिन कुछ लोग नवरात्रि के दौरान अन्य देवताओं की पूजा नहीं करते l
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यह धारणा कि देवता गति नहीं करते शास्त्र सम्मत नहीं है, बिल्कुल गलत है।
- यदि आपका स्वास्थ्य खराब है – यदि आपको नींद नहीं आती है, यदि आपकी उम्र के कारण यह संभव नहीं है, तो आप नवरात्रि के पहले दिन और आखिरी दिन (उठना-बैठना) और दूसरे दिन उपवास कर सकते हैं। या फिर नवमी के पहले दिन, या आप केवल अष्टमी को भी उपवास कर सकते हैं l
- नवरात्रि में ‘अखंड नंदादीप’ रखा जाता है l पर इस ज्योत के नियमित जलने से इस पर कालिख लगने से यह बुझ जाता है l कभी-कभी यह हवा लगने से बुझ जाता है, लेकिन याद रखियें हवा से बुझने पर यह अशुभ नहीं होता है, जो बाती आप जलाते है उसे पतली बनायें और समय-समय पर बदलते रहे, बाती धीरे-धीरे और शांति से जलेगी और अखंड दिया उज्जवल रौशनी के साथ जलेगा l
- देवी को बाहर से वस्तुएं लाकर साफ करनी चाहिए (जैसे फूल, तुलसी के पत्ते, दूर्वा आदि)
- जहां तक संभव हो घर में बनाया हुआ भोजन नैवैद्य के लिए श्रद्धापूर्वक रखना चाहिए और आनंदपूर्वक उत्सव मनाना चाहिए, इससे शुभ फल मिलेगा।
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- अष्टमी की पूजा के लिए रात्रौ 12 || से 1|| यह समय इसलिए लेना चाहिए क्योंकि कभी-कभी उसके पहले सप्तमी भी हो सकती है।
- साढ़े तीन मुहूर्तों में से एक होने के कारण दशहरा (विजयादशमी) को शुभ माना जाता है, लेकिन उस दिन विवाह-वास्तु निवारण/शांति आदि कार्य नहीं करने चाहिए।
- नवरात्रि 9 दिन की ही होती है ऐसा नहीं है l
काली मिट्टी में सात धानों को हल्दी के पानी में डुबाकर घट में रखना चाहिए। वही घट पर रोज फूलों की माला चढ़ानी चाहिए l
यदि संभव हो तो पराण/उपवास किसी दूसरे का घर पर न करें। वही इस दौरान पलंग/गादी का उपयोग व दाड़ी बनाना/बाल काटने का काम न करें l
क्योंकि नवरात्रि में 9 नवदुर्गाएं होती हैं इसलिए हर दिन एक की पूजा की जाती है
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चंद्रघंटा
- कुष्मांडा
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्धिदात्री
- प्रतिदिन बढ़ती आयु के क्रम के अनुसार आप किसी एक कन्या को बुलाये l उस कन्या को पद्यपूजा, दूध पिलाना, फल, जलपान और अंतिम दिन भोजन-वस्त्र-आभूषण-उपयोगी वस्तुएं देकर आशीर्वाद लेना चाहिए।
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स्कंद पुराण में आयु के अनुसार कुमारिका पूजा के फल का उल्लेख है।
- 1 साल की कुंवारी.
फल मोक्ष एवं भोग की प्राप्ति। - 2 साल की कुंवारी.
फल धन की प्राप्ति - 3 साल की त्रिमुर्तिनी
फल धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष - कल्याण के 4 वर्ष
फल राज्य की प्राप्ति - 5 साल की रोहिणी
फल ज्ञान की प्राप्ति - 6 साल की काली
फल षट्कर्म सिद्धि
- 7 साल का निशान
फल अवस्था की प्राप्ति - 8 साल की शांभवी
फल धन की प्राप्ति - 9 साल की दुर्गा
पृथ्वी पर फलों का साम्राज्य - 10 साल की सुभद्रा
मन की इच्छा की सिद्धि ही फल है।
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देवी भागवत में कहा गया है कि हर वार यानी किस वार को कौन सा नैवेद्यं का भोग लगाना चाहिए l
1 रविवार ..पियास (खिर)
2 सोमवार.. शुद्ध घी
3 मंगलवार ..केला
4 बुधवार.. मक्खन
5 गुरुवार.. दानेदार चीनी
6 शुक्रवार..चीनी
7 शनिवार ..सजुक टुप।
कई स्थानों पर सप्तशती का पाठ करने का विधान है, किस काम के लिए यह पाठ कितना करना चाहिय वो इस प्रकार है l
- फल सिद्धि के लिए.. 1 पाठ
- उपद्रव शांति हेतु ।।3 श्लोक।
- भय से मुक्ति के लिए… 7 पाठ
- यज्ञफल प्राप्ति हेतु 9 श्लोक
- राज्य प्राप्ति के लिए.. 11 अंक
- कार्य सिद्धि के लिए.. 12 पाठ
- सुख और संपत्ति के लिए 15 पाठ
- बंधनमुक्ति हेतु ।।25 श्लोक।
- प्रियतम की प्राप्ति…18 पाठ
- अशुभ ग्रहों का निवारण.. 20 श्लोक
- शत्रु, राजा, रोग, भय.. 17 श्लोक
- पुत्र धन प्राप्ति हेतु ।।16 श्लोक।
- किसी को वश में करने के लिए ..14 श्लोक
- आमतौर पर सभी प्रकार के शांति के लिए.. … …5 श्लोक
नवरात्रि में कौन सा रंग पहनना चाहिए इसका धर्मशास्त्र में कोई आधार या उल्लेख नहीं है, ये फैक्ट्री मालिकों, दुकानदारों, मीडिया वालों के विज्ञापन के फंडे हैं,
रविवार…संतरा, ऑरेंज
सोमवार .. सफेद
मंगलवार.. लाल, अनार
बुधवार… नीला, आकाश
गुरुवार .. पीला
शुक्रवार… हरा, पिस्ता,
शनिवार…बैंगनी, ग्रे
रविवार…संतरा, ऑरेंज
सोमवार… .मोरपंखी
मंगलवार…गुलाबी
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- मान लीजिए, यदि घर में नवरात्रि के बाद सूतक/अशौच आदि हो तो सप्तशती का पाठ बंद कर देना चाहिए और सूतक के बाद शेष पूजा पूरी कर लेनी चाहिए, लेकिन नवरात्रि का व्रत जारी रखना चाहिए और माल/दीपक आदि जलाना चाहिए, यह काम आप पड़ोसियों या ब्राह्मणों, दूर के रिश्तेदारों से करवा सकते है, इस दौरान घरेलू सामग्री का उपयोग नहीं करना चाहिए।
आप सभी को समयधारा की और से नवरात्रि की बधाईयां