23 अक्टूबर को महानवमी व्रत/ 23 अक्टूबर को नवरात्रि है l
नवरात्रि के 4 मुख्य भाग हैं l 1) देव स्थापना 2) मालाबंधन 3) अखण्ड नंदादीप 4) कुमारिका पूजन.
नवरात्रि के दौरान जिस देवी की पूजा की जाती है, उसकी पूजा करते समय, उस देवी के पाट पर थोड़ा सा पानी छिड़कना चाहिए और हर दिन हार-फूल बदलना चाहिए, लेकिन अन्य देवी-देवताओं की पूजा हमेशा की तरह ही जरुर करनी चाहिए। लेकिन कुछ लोग नवरात्रि के दौरान अन्य देवताओं की पूजा नहीं करते l
यह धारणा कि देवता गति नहीं करते शास्त्र सम्मत नहीं है, बिल्कुल गलत है।
यदि आपका स्वास्थ्य खराब है – यदि आपको नींद नहीं आती है, यदि आपकी उम्र के कारण यह संभव नहीं है, तो आप नवरात्रि के पहले दिन और आखिरी दिन (उठना-बैठना) और दूसरे दिन उपवास कर सकते हैं। या फिर नवमी के पहले दिन, या आप केवल अष्टमी को भी उपवास कर सकते हैं l
नवरात्रि में ‘अखंड नंदादीप’ रखा जाता है l पर इस ज्योत के नियमित जलने से इस पर कालिख लगने से यह बुझ जाता है l कभी-कभी यह हवा लगने से बुझ जाता है, लेकिन याद रखियें हवा से बुझने पर यह अशुभ नहीं होता है, जो बाती आप जलाते है उसे पतली बनायें और समय-समय पर बदलते रहे, बाती धीरे-धीरे और शांति से जलेगी और अखंड दिया उज्जवल रौशनी के साथ जलेगा l
देवी को बाहर से वस्तुएं लाकर साफ करनी चाहिए (जैसे फूल, तुलसी के पत्ते, दूर्वा आदि)
जहां तक संभव हो घर में बनाया हुआ भोजन नैवैद्य के लिए श्रद्धापूर्वक रखना चाहिए और आनंदपूर्वक उत्सव मनाना चाहिए, इससे शुभ फल मिलेगा।
क्योंकि नवरात्रि में 9 नवदुर्गाएं होती हैं इसलिए हर दिन एक की पूजा की जाती है
शैलपुत्री
ब्रह्मचारिणी
चंद्रघंटा
कुष्मांडा
स्कंदमाता
कात्यायनी
कालरात्रि
महागौरी
सिद्धिदात्री
प्रतिदिन बढ़ती आयु के क्रम के अनुसार आप किसी एक कन्या को बुलाये l उस कन्या को पद्यपूजा, दूध पिलाना, फल, जलपान और अंतिम दिन भोजन-वस्त्र-आभूषण-उपयोगी वस्तुएं देकर आशीर्वाद लेना चाहिए।
देवी भागवत में कहा गया है कि हर वार यानी किस वार को कौन सा नैवेद्यं का भोग लगाना चाहिए l 1 रविवार ..पियास (खिर) 2 सोमवार.. शुद्ध घी 3 मंगलवार ..केला 4 बुधवार.. मक्खन 5 गुरुवार.. दानेदार चीनी 6 शुक्रवार..चीनी 7 शनिवार ..सजुक टुप।
कई स्थानों पर सप्तशती का पाठ करने का विधान है, किस काम के लिए यह पाठ कितना करना चाहिय वो इस प्रकार है l
फल सिद्धि के लिए.. 1 पाठ
उपद्रव शांति हेतु ।।3 श्लोक।
भय से मुक्ति के लिए… 7 पाठ
यज्ञफल प्राप्ति हेतु 9 श्लोक
राज्य प्राप्ति के लिए.. 11 अंक
कार्य सिद्धि के लिए.. 12 पाठ
सुख और संपत्ति के लिए 15 पाठ
बंधनमुक्ति हेतु ।।25 श्लोक।
प्रियतम की प्राप्ति…18 पाठ
अशुभ ग्रहों का निवारण.. 20 श्लोक
शत्रु, राजा, रोग, भय.. 17 श्लोक
पुत्र धन प्राप्ति हेतु ।।16 श्लोक।
किसी को वश में करने के लिए ..14 श्लोक
आमतौर पर सभी प्रकार के शांति के लिए.. … …5 श्लोक
नवरात्रि में कौन सा रंग पहनना चाहिए इसका धर्मशास्त्र में कोई आधार या उल्लेख नहीं है, ये फैक्ट्री मालिकों, दुकानदारों, मीडिया वालों के विज्ञापन के फंडे हैं,
मान लीजिए, यदि घर में नवरात्रि के बाद सूतक/अशौच आदि हो तो सप्तशती का पाठ बंद कर देना चाहिए और सूतक के बाद शेष पूजा पूरी कर लेनी चाहिए, लेकिन नवरात्रि का व्रत जारी रखना चाहिए और माल/दीपक आदि जलाना चाहिए, यह काम आप पड़ोसियों या ब्राह्मणों, दूर के रिश्तेदारों से करवा सकते है, इस दौरान घरेलू सामग्री का उपयोग नहीं करना चाहिए।