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बड़ी खबर : 10 और एयरपोर्ट का निजीकरण, बंदरगाहों के प्राइवेटाइजेशन की भी तैयारी

फर्स्ट और सेकेंड स्टेज (First Stage & Second Stage) के एयरपोर्ट प्राइवेटाइजेशन के बाद अब केंद्र सरकार ने तीसरे दौर के एयरपोर्ट निजीकरण की तैयारियां शुरू.

indian government start process of privatisation of 10 more airports soon seaports may also privatise

नई दिल्ली (समयधारा) : फर्स्ट और सेकेंड स्टेज (First Stage & Second Stage) के एयरपोर्ट प्राइवेटाइजेशन के बाद अब केंद्र सरकार ने तीसरे दौर के एयरपोर्ट निजीकरण की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) वैसे एयरपोर्ट्स की पहचान करने की प्रक्रिया में जुट गई है, जिन्हें प्राइवेटाइज किया जा सकता है।

कंपनियों को ये एयरपोर्ट 50 साल के लिए दिए जाएंगे। संभावना है कि निजीकरण की प्रकिया अप्रैल महीने में शुरू हो सकती है।

खास बात यह है कि इस बार प्राइवेटाइजेशन के लिए लाभ में रहने वाले एयरपोर्ट्स और जो एयरपोर्ट घाटे में हैं,

दोनों के लिए एक साथ बोली लगाई जाएगा। यानी घाटे वाले एयरपोर्ट्स खरीदने पर कंपनियों ने इंसेटिव के तैर पर फायदे वाले एयरपोर्ट मिलेंगे।

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नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खारोला ने बताया कि तीसरे चरण के तहत 6 से 10 एयरपोर्ट के निजीकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

इस बार बोली लगाने के लिए लाभदायक और गैर-लाभदायक एयरपोर्ट को एक साथ किया जा रहा है।

सरकार की मानें तो निजीकरण के बाद एयरपोर्ट पर सुविधाएं बढ़ेगी। जिसका मसकद सिर्फ यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सुविधा देना है। इससे यात्रियों का सफर ज्यादा सुगम होगा।

नागरिक उड्डयन सचिव ने बताया कि बजट में रिजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो पिछले वर्ष से 35% अधिक है।

प्रदीप सिंह खारोला ने बताया कि AAI ने अपने केपिटल एक्सपेंडिचर को पूरा करने के लिए मार्केट से 2100 करोड़ रुपये जुटाये हैं।

उन्होंने बताया कि ये फंड बहुत ही अच्छे टर्म्स पर जुटाये गए हैं, हालांकि उन्होंने इसकी डिटेल्स साझा नहीं की।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार रेलवे और एयरपोर्ट की तरह अब बंदरगाहों (Sea Port) के निजीकरण की भी तैयारी कर रही है।

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केंद्र सरकार का योजना बंदगराहों के संचालन को निजी हाथों में सौंपने की है। इससे सरकार फंड जुटाएगी औऱ राजकोषीय घाटे की भरपाई करेगी।

हालांकि, बंदरगाहों के निजीकरण के बारे में सरकार ने अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।

आपको बता दें कि  भारत के तटवर्ती इलाकों में 13 बड़े बंदरगाह और करीब 200 छोटे बंदरगाह हैं।

बड़े बंदरगाह का संचालन केंद्र सरकार और छोटे बंदरगाहों का संचालन राज्‍य सरकारें करती हैं।

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