SharadPurnima2025 PujaShubhMuhurat RitualsInHindi DhanPraptiKeUpay
नयी दिल्ली (समयधारा) : “क्या आप जानते हैं? आज की रात सिर्फ पूर्णिमा नहीं… ये वो रात है जब खुद मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं!”
शरद पूर्णिमा केवल एक पूर्णिमा नहीं, बल्कि समृद्धि, स्वास्थ्य और प्रेम का पर्व है।
इस रात चाँदनी की हर किरण में आशीर्वाद छिपा है, और जो श्रद्धा से पूजन करता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि स्थायी हो जाती है।
आज शरद पूर्णिमा : रात क्यों विशेष, लक्ष्मी जी की कृपा पाने के उपाय
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का अत्यंत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ पूर्ण होता है और उसकी किरणों को अमृतमयी माना जाता है। यह दिन माँ लक्ष्मी और चंद्र देव की विशेष आराधना का प्रतीक है।
📅 शरद पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय
इस वर्ष शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी।
पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर को दोपहर से आरंभ होकर अगले दिन प्रातः तक रहेगी।
चंद्र उदय का समय लगभग 5:27pm बजे है वही 07:40 PM को चाँद दिखना शुरू हो सकता है।
इसी रात को कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। “कोजागरी” का अर्थ है — “कौन जाग रहा है?” — मान्यता है कि माता लक्ष्मी इस रात पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो व्यक्ति भक्ति-भाव से जागते रहते हैं, उनके घर में स्थायी सुख-समृद्धि का वास होता है।
✨ शरद पूर्णिमा की विशेषता
शरद पूर्णिमा की रात की चाँदनी सबसे उज्ज्वल और शांत मानी जाती है।
इस रात चंद्रमा की किरणों से धरती पर अमृत तत्व बरसता है, जो शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करता है।
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कहा जाता है कि इस रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ प्रकट होता है — जो पूर्णता, शांति, और समृद्धि का प्रतीक हैं।
लोग इस रात दूध-चावल से बनी खीर को चाँदनी में रखते हैं ताकि उसमें चंद्रमा की किरणों का स्पर्श हो और वह “अमृत खीर” बन जाए। अगले दिन यह खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण की जाती है।
🕉️ लक्ष्मी जी की कृपा पाने की मान्यता
माँ लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए शरद पूर्णिमा की रात को पूरी रात जागरण करने का विशेष महत्व है।
माना जाता है कि जो व्यक्ति इस रात भक्ति-भाव से जागता है, उसके घर धन-धान्य और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
इस दिन घरों में दीप जलाकर रखा जाता है ताकि देवी लक्ष्मी को मार्गदर्शन मिले।
पूरे घर की सफाई, सुंदर सजावट, रोशनी और सुगंधित धूप अगरबत्ती से वातावरण को पवित्र बनाया जाता है।
🕙 रात 10 बजे के बाद क्यों बरसता है धन?
शास्त्रों में उल्लेख है कि रात 10 बजे के बाद जब चंद्रमा की किरणें सबसे प्रखर होती हैं, तब धन-समृद्धि की तरंगें वातावरण में सक्रिय होती हैं।
यह समय लक्ष्मी पूजन और ध्यान के लिए अत्यंत शुभ होता है।
शरद पूर्णिमा की रात करने योग्य 10 प्रमुख उपाय:
- दीपक जलाकर रखें — घर के मुख्य द्वार, बालकनी और पूजा स्थल पर घी के दीपक जलाएँ।
- माँ लक्ष्मी की आराधना करें — “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
- चाँदनी में खीर रखें — दूध-चावल की खीर बनाकर बाहर रखें ताकि उसमें चाँद की किरणें पड़ें।
- पूरी रात जागरण करें — भजन, कीर्तन या लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
- धूप-दीप से आरती करें — माँ लक्ष्मी और चंद्र देव की संयुक्त पूजा करें।
- सफेद वस्त्र पहनें — यह शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है।
- तुलसी के पौधे के पास दीपक रखें — तुलसी लक्ष्मी का प्रिय रूप मानी जाती हैं।
- घर में रोशनी जलती रखें — ताकि देवी लक्ष्मी आपके घर का मार्ग न भूलें।
- चाँद को अर्घ्य दें — दूध, जल और पुष्प मिलाकर अर्पण करें।
- दान करें — जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या मिठाई का दान करें।
🌼 पूजा विधि (Step-by-Step)
- शाम के समय स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को फूलों से सजाएँ और दीपक जलाएँ।
- लक्ष्मी जी और चंद्र देव की प्रतिमा स्थापित करें।
- पंचामृत, धान, चावल, नारियल, मिठाई अर्पित करें।
- खीर तैयार कर उसे चाँदनी में रखें।
- मंत्र जाप और भजन करें।
- पूरी रात दीपक जलता रहने दें।
- सुबह खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
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🧡 शरद पूर्णिमा की कथा
एक प्राचीन कथा के अनुसार, एक निर्धन ब्राह्मण कन्या ने हर वर्ष शरद पूर्णिमा की रात जागरण और पूजा की।
माँ लक्ष्मी जब आकाश से उतरीं और बोलीं — “को जाग्रति?” — तो कन्या ने उत्तर दिया, “मैं जाग रही हूँ, माँ।”
माँ लक्ष्मी प्रसन्न हुईं और उसे अनंत समृद्धि का वरदान दिया।
तभी से यह परंपरा चली कि इस रात जो जागेगा, उसे देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा।
🎵 श्रीकृष्ण और रास लीला का संबंध
धार्मिक मान्यता है कि इसी रात भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महान रास लीला रची थी।
यह रास केवल नृत्य नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक था।
इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
🌾 प्राकृतिक और वैज्ञानिक महत्व
शरद पूर्णिमा के समय मानसून समाप्त होकर आकाश निर्मल होता है।
चंद्रमा की किरणें जब धरती पर पड़ती हैं, तो उनमें औषधीय शक्ति सक्रिय होती है।
आयुर्वेदिक दृष्टि से इस दिन रखी खीर शरीर में “पित्त” को संतुलित करती है, त्वचा को निखारती है और मानसिक शांति देती है।
वैज्ञानिक रूप से भी चाँदनी में उपस्थित ठंडे विकिरण तत्व नींद और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
🌸 लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के 10 सरल उपाय
- घर में स्वच्छता और सुव्यवस्था रखें।
- लक्ष्मी मंत्र “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का जाप करें।
- सफेद वस्त्र, चांदी का दीपक और चंदन का प्रयोग करें।
- कमल का फूल माँ लक्ष्मी को अर्पित करें।
- तुलसी और शंख पूजा में अवश्य शामिल करें।
- खीर और मिश्री का भोग लगाएँ।
- लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
- धन स्थान पर दीपक जलाएँ।
- गरीबों को भोजन कराएँ।
- रात में नींद न लें, भक्ति में रहें।
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💬 क्या करें और क्या न करें
करें:
- दूध से बनी वस्तुओं का सेवन करें
- मन को शांत रखें
- सकारात्मक विचारों पर ध्यान दें
- ध्यान और प्रार्थना करें
न करें:
- झगड़ा या नकारात्मक बातें
- तामसिक भोजन (मांस, मदिरा)
- दीप बुझाना या पूजा अधूरी छोड़ना
🪔 माँ लक्ष्मी और चंद्र देव से यही प्रार्थना करें कि वे हम सभी के जीवन में उजाला, शांति और समृद्धि लाएँ।
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