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जमाना दोगला का
चल रहा है
इसलिए हम जैसे लोग
बुरे बन गए है
“सादगी”
परम सौंदर्य है
“क्षमा”
उत्कृष्ट बल है
“विनम्रता”
सबसे अच्छा तर्क है…
प्रत्येक व्यक्ति अलग होता है,
हर किसी की क्षमता और कमजोरियां अलग-अलग होती है,
इसलिए न तो किसी और से अपनी तुलना करें,
और न ही किसी और के जैसा बनने की कोशिश करें
सिर्फ़, ‘दिखावे’ के लिए अच्छा बनना’..!
“बुरे होने से भी ज़्यादा, “बुरा” है”…!!
इंसान कभी गलत नहीं होता,
उसका वक़्त गलत होता है.
मगर लोग इंसान को गलत कहेते हे.
जैसे के,
पतंग कभी नहीं कटती,
कटता तो धागा हे
फिरभी लोग कहेते हे पतंग कटी”..!
मार्गदर्शन सही हो तो
एक नन्हा सा दीपक भी
किसी सूरज से कम नहीं
माना की आप किसी का
भाग्य नहीं बदल सकते
लेकिन अच्छी प्रेरणा देकर
किसी का मार्गदर्शन तो कर सकते है
Tuesday thoughts : माना की आप किसी का भाग्य नहीं बदल सकते
Monday Thoughts : कौन क्या कर रहा है ? कैसे कर रहा है ? क्यों कर रहा है ?
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