Thoughts-सदा उनके कर्जदार रहिए, जो आपके लिये

खुद का वक्त नहीं देखते और सदा ही उनके वफादार रहिए, जो व्यस्त होने के बावजूद आपके लिए वक्त निकालते हैं !

Thoughts of the day , sada unke karjdar rahiye jo apke liye khud ka waqt nahi dekhte aur sada hi unke wafadar rahiye jo vyast hone ke bavajud apke liye waqt nikalte hai

Thoughts of the day 

सदा उनके कर्जदार रहिए,
जो आपके लिये खुद का वक्त नहीं देखते
और
सदा ही उनके वफादार रहिए,
जो व्यस्त होने के बावजूद
आपके लिए वक्त निकालते हैं !

त्याग के बिना

कुछ भी पाना संभव नहीं

एक सांस लेने के लिए भी

एक सांस छोडनी पड़ती है

रिश्तें बनते रहे इतना ही बहुत है..

सब हँसतें रहे इतना ही बहुत है

Thoughts of the day 

हर कोई हर वक्त साथ नहीं रह सकता

याद एक दूसरें को करते रहे इतना ही बहुत

अगर दूसरों के मुकाबले आपको देर
से सफलता मिल रही है तो उदास मत होइए, 
क्योंकि छोटे घर जल्दी बनते हैं 
और महल बनने में समय लगता है।
कुछ खोने का डर निकाल दो,
जीतना हो अगर तो हारने का डर निकाल दो,
अपने डर पर विजय पाकर हौसलों को नई उड़ान दो,
जान लो इस बात को अपने आपको
एक नई पहचान दो।
Thoughts of the day 
जीवन में पैसा ही सबकुछ नही होता 
अगर आप मेहनत करना जानते है 
तो जीवन भर पैसे कमा सकते है 
लेकिन नाम कमाना पैसे कमाने से कहीं बेहतर है।
सफलता का संबंध काम से है, सफल लोग हमेशा गतिशील रहते हैं 
वे गलतियां करते हैं, पर मैदान नहीं छोड़ते

Saturday Thought : मन का झुकना बहुत जरूरी है केवल सर झुकाने से….

Friday Thought : बस एक तज़ुर्बा लिया है ज़िन्दगी से.. अपनो के नज़दीक रहना है..

Wednesday Thought : डाली से टूटा फूल फिर से लग नहीं सकता है मगर…

Tuesday Thought : किसी भी रिश्ते को बनाए रखने के लिए गिड़गिड़ाने की जरुरत नहीं

Sunday Thought : असफल होना बुरा है लेकिन प्रयास ही ना करना महाबुरा है

Friday Thought : मैं उन लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मुझे छोड़ दिया…..

गुरुवार सुविचार : हम आ जाते हैं बहुत जल्दी दुनियां की बातों में गुरु की बातों में

मंगलवार सुविचार : चार आने…साँस बारह आने … तेरा एहसास

Tuesday Thought : अपमान करना किसी के “स्वभाव” में हो सकता है

Sunday Thought : जिंदगी में सबसे ज्यादा दुःख देता है “बीता हुआ सुख” 

( इनपुट सोशल मीडिया से )

 

Dropadi Kanojiya: द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।