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Tuesday Thoughts:हमारे अपनों को लगता है कि हमें उनकी चलाकियाँ समझ में नहीं आती

लेकिन हम बस चुप चाप उनको अपनी नजरो से गिरता देख रहे होते हैं !....

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हमारे अपनों को लगता है कि हमें उनकी चलाकियाँ समझ में नहीं आती
लेकिन हम बस चुप चाप उनको अपनी नजरो से गिरता देख रहे होते हैं !

 

इंसान को वक्‍त-वक्‍त पर,
अपनी तारीफ खुद ही कर लेनी चाहिए।
बुराई करने के लिए जो, दूसरे खाली बैठे ही हैं !

 

व्यक्ति की अच्छाई पर सब खामोश रहते है
चर्चा यदि उसकी बुराई पर हो, तो गूंगे भी बोल उठते हैं !

 

 

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Monday Thought : एक मंदिर के बाहर लिखा था.. बेझिझक भीतर चले आइये,

Sunday Thoughts : दुनिया के रीति है, यहाँ मजबूत से मजबूत… 

Saturday Thoughts : ना बादशाह चलता है… ना इक्का चलता है …

Friday Thoughts : जितना तेज़ होता है, उतना तेज़ डाऊनलोड नही होता

Thursday Thoughts : कल शीशा था, सब देख-देख कर जाते थे, आज टूट गया..,

Wednesday Thoughts : प्रत्येक व्यक्ति अलग होता है, हर किसी की क्षमता और कमजोरियां

Monday Thoughts : कटीली झाड़ियों पर ठहरी हुई बूंदों ने बस यही बताया है….,

Sunday Thoughts : वक्त और किस्मत पर कभी घमंड मत करों 

 

( इनपुट सोशल मीडिया से )

Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।